20 June 2019

WISDOM -----

पं. श्रीराम  शार्मा  आचार्य ने  लिखा  है  --- ' जो  व्यक्ति  यह  सोचते  हैं  कि  मैं  क्या  कर  सकता  हूँ ,  मुझमे  तो  यह  कमी  है , वह  दोष  है  , वे  कुछ  भी  नहीं  कर  पाते  l  किन्तु  जो  अपनी  कमियों  के  साथ  अपनी  खूबियों  को  भी  जानते  हैं   और  अपनी  उन  प्रतिभाओं  का  चरम  विकास  करने  के  लिए  भागीरथ  प्रयत्न  करते  हैं  , वे  सफलता  के  उच्चतम  शिखरों  पर  अपनी  विजय - पताका  फहराते  हैं   l 
  आचार्य श्री  ने  आगे  लिखा  है ---- " कई  व्यक्ति  ऐसे  होते  हैं  जो  अपनी  खूबियों  का  तो  बहुत  ढिंढोरा   पीटते  हैं   लेकिन  अपनी  कमियों  को  सहज  रूप  से  स्वीकार  कर  उन्हें  दूर  करने  का  प्रयास  नहीं  करते  l  ऐसे  दुराग्रही  लोगों   के  व्यक्तित्व  से  वे  कमियां  जोंक  की  तरह  चिपटी  रह  जाती  हैं  और  उनके व्यक्तित्व  को   अप्रभावी  बनाती हैं   l