5 December 2020

WISDOM -----

   अपने  को  अमर  मानता  हुआ  मनुष्य  कभी   अपनी  मृत्यु  की   कल्पना  भी  नहीं  कर  पाता  l   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  --- ' संसार  का  आकर्षण  हमें  प्रतिपल   खींचता  है  l  संसार  के  सुखों  के  प्रति  यह  आकर्षण  इतना  ज्यादा  है   कि   मनुष्य  का  समय , श्रम  और  ऊर्जा   इन्हे  पाने  में  चुकते   जाते  हैं   और  फिर  भी  उसे  लगता  है  कि  आगे  कुछ  और  है  ,  जो  पाने  योग्य  है   और   उसे पाने  की  लालसा  कभी  समाप्त  नहीं  होती  l  जीवन  में  सुख  पाने  की  लालसा  हमें  भटकाती   है   l   एक  जगह  से  सुख  की  कामना  पूर्ण  नहीं   होती   कि  मन  कहीं  और  से  सुख  पाने  का  सपना   सँजो   लेता  है   और  मनुष्य   उस  दूसरे  सपने  को  पूर्ण  करने  की  यात्रा  पर  निकल  पड़ता  है  l   यक्ष  के  यह  पूछने  पर  कि   संसार  का  सबसे  बड़ा  आश्चर्य  क्या  है  ?  युधिष्ठिर  ने  कहा  ---- ' हजारों  लोगों  को  मरते  हुए  देखकर  भी   अपनी  मृत्यु  से  अनजान  बने  रहना  ,  खुद  को  मृत्यु  से  मुक्त   मान    लेना  ,  स्वयं   को अमर  मान  कर  अनेकों  दुष्कर्म  करना  , इस  संसार  का  सबसे  बड़ा  आश्चर्य  है   l '    नादिरशाह , सिकंदर , औरंगजेब , हिटलर  ने  कभी  अपनी  मृत्यु  की  कल्पना   ही नहीं  की  ,  स्वयं  को  अमर  मान  कर  इतने  अत्याचार  किए   l '  काल '  से  कोई  नहीं  बच   पाता  l