9 July 2025

WISDOM ---

 कहते  हैं  यदि  भगवान  नाराज  हो  जाएँ  तो  गुरु  बचाने  वाले  हैं  ,  लेकिन  यदि  गुरु  नाराज  हो  जाएँ   तो  उसे   कोई  नहीं  बचा  सकता  l  गुरु  पूर्णिमा  को  ' व्यास  पूर्णिमा '  भी  कहा  जाता  है  l  महर्षि  वसिष्ठ  के  पौत्र  ,  महर्षि  पराशर  के  पुत्र   ' वेदव्यास '  जन्म  के  कुछ  समय  बाद  ही   अपनी  माँ  से  आज्ञा  लेकर  तपस्या  करने  चले  गए  थे  l  वेदों  को  विस्तार  प्रदान  करने  के  कारण   ही  इनका  नाम  'वेदव्यास ' पड़ा  l  ' गुरु पूर्णिमा  '  का  पर्व  गुरु  के  प्रति  समर्पित  है  l  '  सच्चे  गुरु  के  लिए  सैकड़ों  जन्म  समर्पित  किए  जा  सकते  हैं  l  सच्चा  गुरु  वहां  पहुंचा  देता  है  ,  जहाँ  शिष्य  अपने  पुरुषार्थ  से   कभी  नहीं  पहुँच  सकता  l "    गुरु  के  द्वारा  कहे  गए  वाक्य  मूलमंत्र  हैं   , वे  हमें  जीवन  जीना  सिखाते  हैं  l  l    बाहरी  शत्रुओं  से  तो  एक  बार  हम  अपनी  शक्ति  और  सामर्थ्य  से  लड़कर  विजयी  हो  भी  सकते  हैं   लेकिन  अपने  भीतरी  शत्रुओं  ---काम , क्रोध , लोभ  और  अहंकार  पर    विजय   तो  केवल  और  केवलमात्र  गुरु  कृपा  से  ही  संभव  है l  अपनी  पूजा -साधना  से   हम  अपने  मानसिक  विकारों  को  पराजित  नहीं  कर  सकते   l  अहंकार  और  कामवासना  जैसे   दुष्ट   शत्रुओं  पर  विजय  प्राप्त  करना   तो  असंभव  है   लेकिन  सच्चे  गुरु  असंभव  को  संभव  कर  देते  हैं  l  वे  एक   बार  नहीं  अनेकों  बार  अपने  शिष्य  को  गहरी  खाई  में  गिरने  से  बचाते  हैं  ,  उसे  जीवन  जीना  सिखाते  हैं  ,  उसकी  चेतना  का  विस्तार  करते  हैं  l  गुरु  की  कृपा  प्राप्त  करने  के  लिए  शिष्य  को  भी  सच्चा  शिष्य  बनना  होगा  l  गुरु  ने  अपने  प्रवचनों  और  साहित्य  के  द्वारा  जो  विचार  हमें  दिए  ,  जो  मार्ग  दिखाया  ,  उसका   अनुसरण   करें  l