12 March 2023

WISDOM -----

    पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं --- ' इस  बाहरी  संसार  में   विधाता  ने   मक्खी , मच्छर , सर्प , बिच्छू , खटमल  आदि  ऐसे  जीवों  को  बनाया  है  , जो  मनुष्यों  को   हमेशा  हानि  पहुंचाते  हैं  , इसलिए  उनसे  बचने  के  लिए  प्रबंध  करना  पड़ता  है  l    सर्प , बिच्छू  की  तरह  डंक  मारने  वाले  प्राणियों  की  इस  संसार  में  कोई  कमी  नहीं  है  ,  पर  उनसे  सचेत   रहकर  जम  कर  मोर्चा  लेना  ही  उचित  है  l  नहीं  तो  हानि  उठानी  पड़  सकती  है  l"     ---  एक  सेठ जी  थे  ,  उनके   पास  बहुत  धन -संपदा  थी  l  उनके  कोई  संतान  नहीं  थी  l  समस्या  थी   कि  धन  का  क्या  करें  , और  समाज  में  सम्मान  पाने  की  भी  बहुत  चाहत  थी  l  कुछ  चापलूसों  ने  उन्हें  सलाह  दी  कि    ऐसे  तो  सम्मान  पाना  बहुत  कठिन  है  ,  आप  अपने  आसपास  सर्प , बिच्छू  जैसे  स्वाभाव  के , लोगों  को  भयभीत  करने  वाले  लोग   रख  लो  ,  तो  उनके  भय  से  लोग  आपको  झुककर   सलाम   करेंगे  , चरण स्पर्श  करेंगे  l    सेठ  ने  सलाह  मानकर  वैसा  ही  किया  ,  अब  लोग  उन्हें  सलाम  करते  तो  उनके  अहं  को   बड़ी  संतुष्टि  मिलती  l  सेठजी  तो  बहुत  प्रसन्न  हो  गए  लेकिन  समाज  में  अपराध  बढ़  गए  , लोगों  का  जीवन , सुख -शांति  खतरे  में  पड़  गई  l  कारण   सेठ  द्वारा  पाले  गए  गुंडे   अपने  स्वाभाव  के  अनुरूप  लोगों  को  सताने  लगे  l  कुछ  हितैषियों  ने  सेठ  को  सलाह  दी   कि  सेठ जी  धन  का  सदुपयोग  करो  l  बहुत  गरीब  बच्चे  हैं  देश  में , उनकी  शिक्षा  और  स्वास्थ्य  का  अच्छा  प्रबंध  करो  ,  युवा  लोगों  को  रोजगार  दो   तब  आपका  सम्मान  बढ़ेगा   और  आपके  जाने  के  बाद  भी  कायम  रहेगा  l  अब  सेठजी  को  समझ  में  आया  कि  दुष्टों  को  पालकर  सम्मान  नहीं  मिल  सकता  l  सद्गुणों  से  और  सत्कर्म  से  ही  सच्चा  सम्मान  मिलता  है  l