19 May 2020

WISDOM -----

   ऋषि  पुलस्त्य   से    उनके  आश्रमवासियों  ने  पूछा  --- " रावण  आपका  नाती  है ,  स्वयं  भी  शिव भक्त  है  , विद्वान्  है  ,  फिर  भी  दुष्टता  क्यों  बरतता  है  ? "
   ऋषि  बोले --- " उसे  सोने  की  लंका  बनाने   का  शौक  जो  लगा   l   बिना  शोषण  के  इतना  धन  जुटाता  कैसे   ?  यह  लिप्सा  ही  दुष्टता  की  जननी  है   l  "     आज  सारा  संसार    कुछ  लोगों  की  इसी  ' रावण  मनोवृति '  की  सजा  भुगत  रहा  है   l 
  प्राचीन    समय  में  यह  स्पष्ट  था  कि  अत्याचार  कौन  कर  रहा  है  l  त्रेतायुग  में  रावण  के  अत्याचार  से  समस्त  जनता  पीड़ित  थी   l   द्वापर युग  में  कंस  के  अत्याचार  से   सब  दुःखी   थे  l   फिर  महाभारत  में  यह  स्पष्ट  था  कि   दुर्योधन  के  अहंकार  की  वजह  से  ही  महाभारत  हुआ  l
  लेकिन  वर्तमान  युग  में    सब  कुछ  ग्लोबल  है  l   लोभ , लालच , तृष्णा ,  अहंकार    जैसे  दोषों  से  ग्रसित  व्यक्ति  सब  एक  श्रंखला  में  बंधे  हैं ,  एक  ही  नाव  में  सवार  हैं  फिर  चाहे  वे  किसी  भी  देश  के  हों  l   सब  एक - दूसरे  के  हितों  का  ध्यान  रखते  हैं   l
रावण  का  भय  तीनों  लोकों  में  व्याप्त  था  ,  उसे  मिटाने   के  लिए  भगवान   राम  ने  जन्म  लिया  l   लेकिन  आज  लोग  अदृश्य  से  भयभीत  हैं  ,   लोगों  की  चेतना  जाग्रत  होगी  ,  समाज  जागरूक  होगा   तभी  इससे  छुटकारा  संभव  है   l