29 June 2024

WISDOM -----

    एक  अंधियारी  रात  में  एक  प्रौढ़  व्यक्ति   नदी  के  तट  से  कूदकर  आत्महत्या  करने  पर  विचार  कर  रहा   था  l  वह  उस  क्षेत्र  का  सबसे  धनी  व्यक्ति  था  ,  लेकिन  अचानक  घाटे  में  उसकी  सारी  संपदा  चली  गई  ,  इसी  वजह  से   वह  आत्महत्या   का  निश्चय  कर  के  वहां  आया  था  ,  परन्तु  वह  नदी  में  कूदने  के  लिए   जैसे  ही  चट्टान  के  किनारे  पहुँचने  को  हुआ   कि   उसे  किन्ही  दो  मजबूत  हाथों  ने  थाम  लिया   l  उसने  देखा   कि  आचार्य  रामानुज  उसे  पकड़े  हुए  थे  l  उन्होंने  उससे  इस  अवसाद  का  कारण  पूछा   तो  वह  बोला  ----- "  पहले  मैं  बहुत  सुखी  था  l  मेरे  सौभाग्य  का  सूर्य   पूरे  प्रकाश   से  चमक  रहा  था   लेकिन  अब  सिवाय  अंधियारे   के  मेरे  जीवन  में   और  कुछ  भी  बाकी  नहीं  है  l "  यह  सुनकर   आचार्य  रामानुज   बोले  ----- "  दिन  के  बाद  रात्रि   और  रात्रि   के  बाद  दिन  l  जब  दिन  नहीं  टिका   तो  रात्रि   कैसे  टिकेगी  l  परिवर्तन  प्रकृति  का   शाश्वत  नियम  है  l  जब  अच्छे  दिन  नहीं  रहे  तो   बुरे  दिन  भी  नहीं  रहेंगे  l  जो  इस  शाश्वत  नियम  को  जान  लेता  है  ,  उसका  जीवन   उस  अडिग  चट्टान  की  भांति  हो  जाता  है  ,  जो  वर्षा   व  धूप  में  समान  ही  बनी  रहती  है  l  "