19 June 2022

WISDOM -----

    मोह  के  कारण  मनुष्य  की  कैसी  दुर्गति  होती  है  ,  इसे  बताने  के  लिए  पुराणों  में  अनेक  कथाएं  हैं   l  ऐसी  ही  एक  कथा  है ------   एक  आदमी  बूढ़ा  हुआ  तो  नारद जी  उसके  पास  गए   और  कहा  कि  अब  जिन्दगी  का  आखिरी  पड़ाव  है , भगवान  को  याद  कर  लो   l  शरीर  चाहे  वृद्ध  हो  जाये   ,इच्छाएं  समाप्त  नहीं  होतीं  l  वह  बोला --- अभी  सुख - वैभव  भोग  लें , नाती -पोते  देख  लें  फिर  भगवान  को  याद  करेंगे   l  कुछ  दिन  बाद  उसकी  मृत्यु  हो  गई   l   दूसरी  योनि  मिलने  से  पूर्व  नारद जी  उसके  पास  गए   और  कहा -- तुमने   अपना  जीवन  धन  कमाने  और  भोग विलास  में  बिताया ,  भगवान  को   याद    नहीं  किया , कोई  सत्कर्म  नहीं  किए    इसलिए  अब  तुम्हे  बैल   का  जन्म  मिलेगा  l  बैल  का  जन्म  लेकर  भी  बेटे - बेटी  के   यहाँ  रहा ,  उसे  पूर्व  जन्म  की  याद  थी ,  खूब  दौड़ -दौड़  कर  काम  करता   l  नारद जी  आए  और  बोले  -अब  भगवान  का  नाम  ले  लो  तो  इस  योनि  से  मुक्ति  मिल  जाएगी   l  वह  बोला -- यह  हमारी  ही  जमीन   है ,  अपने  ही  बच्चों  के  लिए  काम  कर  रहे  हैं  l   अब   मरा  तो  कुत्ते  की  योनि  मिली   l  मोह  उसी  घर  में  खींच  लाया ,  अब  अपने  बच्चों  के  घर  की  सुरक्षा  करता   l  नारद जी  फिर  आए  और  बोले -- अब  तो  भगवान  को  याद  कर  , मुक्ति  मिल  जाये जाए  l    कुत्ता  बोला ---- अब   नाती -पोते  का  घर  बस  जाये   l    अब   मृत्यु  हुई  तो  सांप  का  जन्म  मिला ,  मोह  नहीं  छूटा   तो  अपने  गाड़े  हुए  खजाने  की  रक्षा  करने  लगा   l   बच्चों  को  खजाने  का  पता  चला    तो  सब  मिलकर    उसे  मारने  लगे  जिससे  खजाना  मिल  जाये  l   अब  वह  नारद  जी  से  बोला --- हमने  आपकी  बात  मान  ली  होती  तो  यह  दुर्गति  नहीं  होती   l  अब  न  जाने  कौन  सी  योनि   मिलेगी  l   यह  कथा   मनुष्य   को  समझाने  के  लिए  है   कि  ये  मोह  कर्तव्य पालन  तक   सीमित   रहे  तो  ठीक  है  अन्यथा  दुर्गति  करा  देता  है  l