1 May 2022

WISDOM -----

 इस  संसार  में  सब  जगह  असमानता  है  ,  भेद -भाव   है  l  व्यक्ति  कितना  भी  पढ़ -लिख  जाये   लेकिन   धर्म ,  जाति  के  आधार  पर  भेदभाव  करना   नहीं  छोड़ता  l  अमीर - गरीब ,  ऊँच -नीच , काले -गोरे ,  पुत्र - पुत्री    हर  बिंदु  पर  असमानता  देखने  को  मिलेगी  l  शासन  भी  चाहे  प्रजातंत्र  हो , या  राजतन्त्र  ,  साम्यवाद  हो  या  कोई  भी  वाद  हो  ,  मनुष्यों  द्वारा  ही  संचालित  होता  है   इसलिए  इन  सब  असमानताओं  को  लेकर   उनमे  अशांति , तनाव  बना  ही  रहता  है  l   श्रीमद् भगवद्गीता  में  भगवान   यमराज  के  शासन  को  श्रेष्ठतम  मानते  है  l   यम  मृत्यु  के  देवता  हैं   और  यम  के  सामने  सभी  समान  हैं   l   वहां  कोई  भेदभाव  नहीं , कोई  पक्षपात  नहीं  l  बेवजह  का  छल -कपट , धोखा ,   अहंकार  कुछ  नहीं  l   जब  जिसका  समय  आ  गया  ,  फिर  चाहे  वह  राजा  हो  या  रंक ,   किसी  भी  जाति  या  धर्म  का  हो   उसे  जाना  ही  पड़ता  है   l  इसलिए  यमदेवता   को  भगवान  अपना  स्वरुप  कहते  हैं   l 

WISDOM -------

   लघु - कथा ------ एक  व्यापारी  रेगिस्तान  के  रास्ते  से  व्यापार  कर  के  लौट  रहा  था  l  उसने  अपनी  झोली  में  कई  कीमती  हीरे - जवाहरात  आदि  भर  रखे  थे  l  कुछ  शुभ  चिंतकों  ने   उसे  समझाया  कि  वो  अपना  कुछ  भार  हल्का  कर  दे  और  मोतियों  के   बदले  पानी  की  चिश्तियां  बाँध  ले  l   उसने  उनकी  बात  पर  कोई  ध्यान  नहीं  दिया   और  अपनी  यात्रा  जारी  रखी  l   दुर्योग  से  वो  रास्ता  भटक  गया   l  साथ  में  लाई  गई  रसद  व  भोजन  सामग्री  धीरे - धीरे  चुक  गई   l   वह  भूखा - प्यासा  निढाल  पड़ा  था   तब  रत्नों  और   माणिकों  के  वजन  को  देखकर   उसे  अनुभव  हुआ  कि  जीवन  में  जीवन  से  ज्यादा  बहुमूल्य  और  कुछ  भी  नहीं  है   l  हीरे - मोतियों  की  चमक  थोड़ी  देर  का  आकर्षण  जरुर  प्रस्तुत  करती  है  ,  पर  कठिन  समय  में  पानी  की  एक  बूंद   के   सामने  कोहिनूर  की  कीमत  भी  एक  पत्थर  है  से  ज्यादा  नहीं  है   l