छोटी - छोटी नैतिक व चारित्रिक दुर्बलताएं जीवन की बड़ी - बड़ी त्रासदियों और दुर्भाग्यों को जन्म देती हैं l इच्छा शक्ति की दुर्बलता के कारण ही व्यक्ति छोटे - छोटे प्रलोभनों एवं दबावों के आगे घुटने टेक देता है और उतावलेपन में ऐसे दुष्कृत्य कर बैठता है कि बाद में पश्चाताप के अतिरिक्त कुछ हाथ नहीं लगता l
महाभारत में प्रसंग है ---- भगवान कृष्ण दुर्योधन को समझाने के लिए हस्तिनापुर जाते है l कहते हैं सिर्फ पांच गाँव पांडवों को दे दो , यह युद्ध टल जायेगा l लेकिन दुर्योधन सुई की नोंक बराबर भूमि भी देने को तैयार नहीं होता l बार - बार समझाने पर भगवान श्रीकृष्ण से कहता है ---
जानामि धर्मं न च मे प्रवृति: l जानाम्यधर्मं न च मे निवृति : l
' धर्म को , क्या सही है , इसको मैं जानता हूँ किन्तु इसको करने की ओर मेरी प्रवृति नहीं होती l
इसी तरह अधर्म को , जो अनुचित व पापमय है , इसको भी मैं जानता हूँ किन्तु इसको करने से मैं नहीं रोक सकता l '
जब व्यक्ति पर दुर्बुद्धि हावी होती है , व्यक्ति जिद्दी व अहंकारी होता है तब साक्षात् भगवान भी उसे समझाने आयें , जीवन की सही दिशा दिखाएँ , तब भी वह नहीं समझता l दुर्योधन की तरह गलत राह चुनता है l
आज मनुष्यों पर ऐसी ही दुर्बुद्धि का प्रकोप है l ईश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना करने से जब विवेक जागेगा , सद्बुद्धि होगी तभी एक सुन्दर और स्वस्थ समाज का निर्माण होगा l
महाभारत में प्रसंग है ---- भगवान कृष्ण दुर्योधन को समझाने के लिए हस्तिनापुर जाते है l कहते हैं सिर्फ पांच गाँव पांडवों को दे दो , यह युद्ध टल जायेगा l लेकिन दुर्योधन सुई की नोंक बराबर भूमि भी देने को तैयार नहीं होता l बार - बार समझाने पर भगवान श्रीकृष्ण से कहता है ---
जानामि धर्मं न च मे प्रवृति: l जानाम्यधर्मं न च मे निवृति : l
' धर्म को , क्या सही है , इसको मैं जानता हूँ किन्तु इसको करने की ओर मेरी प्रवृति नहीं होती l
इसी तरह अधर्म को , जो अनुचित व पापमय है , इसको भी मैं जानता हूँ किन्तु इसको करने से मैं नहीं रोक सकता l '
जब व्यक्ति पर दुर्बुद्धि हावी होती है , व्यक्ति जिद्दी व अहंकारी होता है तब साक्षात् भगवान भी उसे समझाने आयें , जीवन की सही दिशा दिखाएँ , तब भी वह नहीं समझता l दुर्योधन की तरह गलत राह चुनता है l
आज मनुष्यों पर ऐसी ही दुर्बुद्धि का प्रकोप है l ईश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना करने से जब विवेक जागेगा , सद्बुद्धि होगी तभी एक सुन्दर और स्वस्थ समाज का निर्माण होगा l