चाणक्य का नाम कूटनीति के लिए विश्व विख्यात है l एक बार एक राजा उनसे मिलने पहुंचे और राजनीति से संबंधित प्रश्न करने लगे l उन्होंने पूछा ---- " कोई राज्य कैसे अपराजित रह सकता
है ?" चाणक्य ने उत्तर दिया ---- " चरित्र बल से l यदि शासन करने वाले का चरित्र श्रेष्ठ होगा तो उसकी कही गई बातों का प्रभाव पड़ेगा , अन्यथा राजपाट की लिप्सा वाले लोग उसके आसपास जम जायेंगे और कुराज प्रारंभ हो जायेगा l "
राजा ने आगे पूछा ---- " शासन सँभालने वाले में क्या गुण होने चाहिएं ? "
चाणक्य बोले ---- " उनमे आपस में मतभेद नहीं होना चाहिए और यदि हो , तो दीखना नहीं चाहिए l उनमे प्रजा के दुःख - दरद का भान , मित्र - शत्रु का बोध और राष्ट्रीयता की भावना होनी चाहिए l यही गुण किसी भी शासन को स्थायित्व प्रदान करते हैं l
है ?" चाणक्य ने उत्तर दिया ---- " चरित्र बल से l यदि शासन करने वाले का चरित्र श्रेष्ठ होगा तो उसकी कही गई बातों का प्रभाव पड़ेगा , अन्यथा राजपाट की लिप्सा वाले लोग उसके आसपास जम जायेंगे और कुराज प्रारंभ हो जायेगा l "
राजा ने आगे पूछा ---- " शासन सँभालने वाले में क्या गुण होने चाहिएं ? "
चाणक्य बोले ---- " उनमे आपस में मतभेद नहीं होना चाहिए और यदि हो , तो दीखना नहीं चाहिए l उनमे प्रजा के दुःख - दरद का भान , मित्र - शत्रु का बोध और राष्ट्रीयता की भावना होनी चाहिए l यही गुण किसी भी शासन को स्थायित्व प्रदान करते हैं l