'मनुष्य स्वयं में महान नहीं है | दैहिक बल, बुद्धि, धन अथवा तप उसे महान नहीं बनाता | महत्संकल्प मनुष्य को महान बनाता है | जो अपने संकल्प के प्रति सच्चा है और उसका संकल्प स्वार्थ दूषित नहीं है तो समष्टि स्वयं उसको सुयोग प्रदान करती है | महत्संकल्प के लिये महान श्रम की शक्ति, साहस तथा अनुकूल योग अपने आप उपस्थित होते हैं | '
ओहियो के जंगल में गारफील्ड की विधवा माता रहती थीं | लकड़ी काटकर जंगल में बेचने जाती, तो लड़के को झोपड़ी में बंद करके ताला लगाकर जाती, ताकि जंगल के भेड़िये उसे खा न जायें | रात को माँ उसे दुलार करती और कुछ पढ़ाती | बड़ा होकर माँ-बेटे ने एक खच्चर ले लिया और लकड़ियाँ सिर पर ढोने की अपेक्षा उसी पर लाद कर ले जाने लगे |
गारफील्ड को पढ़ने का चस्का लगा, उन्हें एक पुस्तकालय में सफाई की नौकरी भी मिल गई | वह स्कूली पढ़ाई भी पढ़ने लगे और ज्ञानवर्धक साहित्य भी | युवा होते ही वह ग्रेजुएट बन गये और उन्हें दूसरी अच्छी नौकरी भी मिल गई | इसी के साथ बचे हुए समय में वे समाज सेवा के अनेक कार्य करते | उनके स्वभाव और चरित्र से उस क्षेत्र के सभी लोग परिचित हो गये |
प्रगति पथ की अनेक मंजिलें पार करते हुए गारफील्ड अमेरिका की राज्यसभा के सदस्य चुने गये | इससे अगले चुनाव में वे राष्ट्रपति के पद पर प्रतिष्ठित हुए |
यह सफलता किसी देवता के वरदान से नहीं, अपनी योग्यता और सेवा-साधना के बल पर उन्हें प्राप्त हुई थी |
यह पथ हर व्यक्ति के लिये खुला हुआ है | जो किसी की प्रतीक्षा न कर स्वयं पुरुषार्थ में संलग्न होते हैं, वे अपनी संकल्प शक्ति से लक्ष्य को प्राप्त करके रहते हैं |
ओहियो के जंगल में गारफील्ड की विधवा माता रहती थीं | लकड़ी काटकर जंगल में बेचने जाती, तो लड़के को झोपड़ी में बंद करके ताला लगाकर जाती, ताकि जंगल के भेड़िये उसे खा न जायें | रात को माँ उसे दुलार करती और कुछ पढ़ाती | बड़ा होकर माँ-बेटे ने एक खच्चर ले लिया और लकड़ियाँ सिर पर ढोने की अपेक्षा उसी पर लाद कर ले जाने लगे |
गारफील्ड को पढ़ने का चस्का लगा, उन्हें एक पुस्तकालय में सफाई की नौकरी भी मिल गई | वह स्कूली पढ़ाई भी पढ़ने लगे और ज्ञानवर्धक साहित्य भी | युवा होते ही वह ग्रेजुएट बन गये और उन्हें दूसरी अच्छी नौकरी भी मिल गई | इसी के साथ बचे हुए समय में वे समाज सेवा के अनेक कार्य करते | उनके स्वभाव और चरित्र से उस क्षेत्र के सभी लोग परिचित हो गये |
प्रगति पथ की अनेक मंजिलें पार करते हुए गारफील्ड अमेरिका की राज्यसभा के सदस्य चुने गये | इससे अगले चुनाव में वे राष्ट्रपति के पद पर प्रतिष्ठित हुए |
यह सफलता किसी देवता के वरदान से नहीं, अपनी योग्यता और सेवा-साधना के बल पर उन्हें प्राप्त हुई थी |
यह पथ हर व्यक्ति के लिये खुला हुआ है | जो किसी की प्रतीक्षा न कर स्वयं पुरुषार्थ में संलग्न होते हैं, वे अपनी संकल्प शक्ति से लक्ष्य को प्राप्त करके रहते हैं |