4 May 2022

WISDOM --------

 हमारे  महाकाव्य   संसार  को  जीवन  जीने  की  कला  सिखाते  हैं  l   उनके  विभिन्न  प्रसंग  वर्तमान  की  विभिन्न  समस्याओं  और  उनके  समाधान  को  बताते  हैं  l   रामायण  में  यदि  हम  सुग्रीव   का  प्रसंग  देखें  तो  उस  पर  सबसे  ज्यादा  अत्याचार  उसके  भाई  बाली  ने  ही  किया  ,  किसी    अन्य   जाति  या  धर्म  के  व्यक्ति  ने  नहीं  किया     l   यही  इस  युग  का  सच  है   l    धर्म , जाति  के  नाम  पर  दंगे , हत्या , उत्पीड़न   की  घटनाएँ  तो  बहुत  हैं   लेकिन    इसमें   सहभागिता   करने  वाले   और    इन्हें    देखने - सुनने  वाले  यदि  ईमानदारी  से  अपने - अपने  परिवार  की  ओर  देखें  तो  एक  कटु  सत्य  समझ  में  आएगा    कि   धन -सम्पति  के  नाम  पर   भाई - भाई  में  झगड़े -विवाद ,  घरेलु  हिंसा , पुत्र - पुत्री  में  भेद ,  बच्चों  का  शोषण   , नारी  उत्पीड़न   ये  सब  परिवार  के  ही  लोग  करते  हैं    और  बुद्धि  भ्रष्ट  हो  जाने  पर  अपनों  को  सताने  के  लिए  गैरों  की  मदद  लेते  हैं  l    दंगे - फसाद  की  आड़  में  अपनों  से  ही  बदला  लेते  हैं    l    धर्म  के  नाम  पर  झगड़ने  से  पहले  इस  सत्य  को  समझना  चाहिए  कि  ' हम  अपनों  के  सताए  हुए  हैं   l  '     अनीति  और  अत्याचार  कुछ  समय  तक  फलते - फूलते  देखे  जा  सकते  हैं    लेकिन  जीत  अंत  में  सत्य  की  होती  है   l  बाली  ने  अपने  भाई   सुग्रीव  पर अत्याचार  किया  , अनीति  की  l   सुग्रीव  को   पर्वत  पर  जाकर  रहना  पड़ा ,  अंत  में  भगवान  के  हाथों  बाली  का  वध  हुआ   और  सुग्रीव  का  राज्याभिषेक  l   रावण  ने  विभीषण  को  लात  मारी     तो  रावण  का  अंत  हुआ  और  विभीषण    का  राज्याभिषेक   l   ये  सब  कथानक  हमें  शिक्षा  देते  हैं  कि  मानव  जीवन  अनमोल  है  ,  कर्मफल  से  कोई  भी  नहीं  बचा  है  इसलिए  अहंकार  के  वशीभूत  होकर  अपनी  शक्ति  और  बुद्धि  का  दुरूपयोग  नहीं  करना  चाहिए