22 March 2020

WISDOM ------

 ' आपत्तियां  एक  प्रकार  से   ईश्वरीय  चेतावनियां  हैं  ,  जिनसे  ठोकर  खाकर   मनुष्य  सजग  हो  और
 गलत  मार्ग  से  पीछे  लौटे  l '----- प. श्रीराम  शर्मा  आचार्य
  आचार्य  श्री  ने  वाङ्मय  में  लिखा  है  कि --- पृथ्वी  पर  नवयुग  की  स्थापना  तो  होगी   लेकिन   यदि  लोगों  की   मानसिक  वृत्ति  ऐसी  जड़  बनी   रही  और  लोगों  ने  अपने  दोषों  को  त्याग  कर  न्याय  पक्ष  को  अपनाने  का  प्रयत्न  नहीं  किया   तो  प्रकृति  स्वयं  उनके  दुष्कर्मों  का  दंड  देकर   उनको  सुमार्ग  पर  लाने   को  विवश  करेगी  l   वर्तमान  समाज  में  इतनी   विकृतियां  आ  गईं   हैं   और  बहुसंख्यक  व्यक्ति  स्वार्थवश   या  स्वभाव   पड़   जाने  से   अन्याय  मार्ग  पर  चलने  के  ऐसे  अभ्यस्त   हो  गए  हैं  कि   जब  तक  दैवी  दंड   द्वारा  उनका  कायाकल्प   नहीं  किया  जायेगा  तब  तक  वे  न  तो  स्वयं  सुधरेंगे  और  न  संसार  का  सुधार  होने  देंगे  l '
  इसी  तरह  प्रभु  जगद्बन्धु   ने  अपने  उद्गारों  में   ऐसे  संसार  व्यापी  महान  परिवर्तन  की   सूचना    दी  है   जिसमे  हमारे  समाज  का  एक  बड़ा  भाग  अपने  दोष - दुर्गुणों  सहित   डूब   जायेगा  और  एक  नूतन  समाज  की  रचना  होगी   l
आचार्य  श्री  चेतावनी  देते  हैं  कि   यह  महाकाल  की  योजना  है  ,  अभी  भी  वक्त  है  अपने  दोष - दुर्गुणों  को  त्याग  कर  सन्मार्ग  पर  चलो  l