19 January 2022

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  आचार्य  जी लिखते  हैं ---- " जीवन  की  अनंत  संभावनाएं  हैं   l   हमें  अपने  विचारों  को   विधेयात्मक  बनाते  हुए    भावनाओं  को  पवित्र  बनाना  चाहिए   l    सदा   औरों  के  प्रति  प्रेमपूर्ण  सद व्यवहार  करने  से    हमारे  जीवन  में  भी   ख़ुशी  आ  सकती  है  l   परिस्थिति  का  समझदारी  और  बहादुरी   के  साथ  सामना  करने  पर   ही  हमारी  संकुचित  क्षमता  का   विकास  संभव  है   l  "       जीवन  के  प्रति  सकारात्मक  दृष्टिकोण  रखने  से   अनेक  समस्याएं  आसानी  से  हल  हो  जाती  हैं   l   संत  तुकाराम  के  जीवन  का  किस्सा  है  -------  एक  बार  वे  कहीं  से  एक  गणना  लाये  थे   ,  उनकी  पत्नी   ने  उसे  उनकी  पीठ  पर  दे  मारा   और  उसके  दो  टुकड़े  हो  गए   l   एक  टुकड़े  को  उन्होंने  अपनी  पत्नी  के  हाथ  में  थमा   दिया   और  एक  को  स्वयं  चूसने  लगे   l   उन्होंने  कहा   कि   पीठ  में  लग  गई  ,  सो  लग  गई   लेकिन  तुमको  कितने  ठीक  तरीके  से  निशाना  मारना   आता  है   l  गन्ना   मारने  की  कला  कैसी  बढ़िया  है  ,  एक  बार   में ही  दो  बराबर  टुकड़े  कर  दिए  l      उन्होंने  अपनी  पत्नी  की  गलती  नहीं   देखी ,  बल्कि  उसमे  भी  अच्छाई  ढूंढ   ली  l   सकारात्मक  दृष्टिकोण  से  अनेक  समस्याएं    आसानी  से  हल   हो  जाती हैं   l