4 June 2019

WISDOM -------

 स्वामी  विवेकानंद  ने  भगिनी   निवेदिता  को भारत  से   एक  पत्र  में  लिखा  था ---- " यह  निश्चित  है  कि  संसार  को  एक  बार  झकझोर  डालने  की  सामर्थ्य   तुम्हारे  अंदर  सुप्त  रूप  से  विद्दमान  है  l  स्वाध्याय  और  साधना  द्वारा  उसे  जागृत  करने  की   मेरी   हार्दिक  इच्छा   है   ताकि  तुम  भारतीय  नारियों  को   वर्तमान   कुंठाओं   और  रूढ़िवादिता  से  बचाने  में  मेरे  साथ  कन्धे  से  कन्धा  मिलाकर  काम  कर  सको  l  तुम्हे  देखकर  इस  देश  की महिलाएं   अपने  आप  को  भीतर  से  झकझोरेंगी  और  कहेंगी  -- " यदि  कोई विदेशी  नारी   इस  धर्म और  संस्कृति  से   प्रेरित   होकर   सेवा  के  लिए   अपना  सब  कुछ  त्याग  सकती  है   तो  हम  क्यों  पीछे  रहें   ?  भारतीय  संस्कृति  के  अभ्युत्थान   और  भावी  संतति  को   तेजस्वी  बनाने    के  पुण्य  मिशन  में   हम  पीछे  क्यों  रहें  ? "  स्वामीजी  कहते  थे  -- भारत  को  आवश्यकता  है  एक  महिला  की जो  सिंहनी  के  समान  हो   l  '