26 November 2023

WISDOM ------

   लघु कथा ----  विनाश  का  कारण  सांसारिक  आकर्षण  '------ कालिंदी  के  महापंडित  कौत्स   स्नान  कर   प्रात:  वंदना  कर  रहे  थे  l  एक  घड़ियाल  उन्हें  काफी  दूर  से  ताक  रहा  था  ,  किन्तु  कौत्स  ऐसी  ऊँची  शिला  पर  बैठे  थे  कि  घड़ियाल  वहां  तक  पहुँच  नहीं  सकता  था  l  उसने  युक्ति  से  काम  लिया   और  यमुना  की  तलहटी  से   रत्नों  का  ढेर  उठाकर   ऊपर  की  ओर  उछाला  l    अपने  चारों  ओर  मणि -मुक्तक  देखकर  महर्षि  कौत्स  का   लोभ  जाग  उठा   l  उसने   कौत्स  से  कहा --- " आचार्य  !  मैं  त्रिवेणी  का  रास्ता  नहीं   जानता  ,   यदि  आप  मेरी  पीठ  पर  बैठकर  मुझे  त्रिवेणी   का  रास्ता  बता  दें   तो  मैं  इन  तुच्छ  मोतियों  से  बढ़कर  पांच   मुक्ताहार  दे  सकता  हूँ  l  कौत्स  के  हर्ष  का  ठिकाना  न  रहा  l  घड़ियाल  ने  उन्हें  पीठ  पर  बैठाया   l  अभी  वह  बीच  धार  में  पहुंचा  ही  था  कि  उसे  हंसी  आ  गई  l  घड़ियाल  को  हँसते  देख  कौत्स  ने  पूछा --- "  वत्स  ! असमय  आपकी  हँसी  का  क्या  कारण  है  ? "   घड़ियाल  ने  कहा --- " आचार्य  ! आप  जीवन  भर  दूसरों  को  उपदेश  देते  रहे  कि  विनाश  सांसारिक  आकर्षण  के  रूप  में  आता  है  l  मनुष्य  जब  एक  बार  वासनाओं  के  शिकंजे  में  आ  जाता  है   तब  ये  वासनाएं  मनुष्य  को  वहां  ले  जाती  हैं  , जहाँ  सिवाय  विनाश  के   कुछ  नहीं  होता  l  दूसरों  को  उपदेश  देने  के  बावजूद   तुम   यह  तथ्य  न  समझ  सके   और  आज  एक  लालच  ने   तुम्हे  सर्वनाश  के  पास  पहुंचा  दिया  l   यह  कहकर   उसने  कौत्स  को  उछाला  और  एक  ही  क्षण  में  निगल  लिया  l    उपदेश  देना  बहुत  सरल  होता  है  , लेकिन  उसे  आचरण  में   उतारना    बहुत  कठिन   l