22 June 2021

WISDOM -----

  आयुर्वेद  में  वर्णन  आता  है  ----- संसार  के  प्राणी  रोगों  से  दुखी  होकर  हिमालय  पहुंचे   ल  सभी  ऋषि  , महर्षि  उनके  साथ  थे   l   देवराज  इंद्र  ने  सभी  का  स्वागत  किया   और  उनकी  चिंता  का  समाधान  करते   हुए  कहा  कि  --- ब्रह्मा  ने  सबसे  पहले  प्रजापति  को  आयुर्वेद  का  ज्ञान  दिया  l   फिर  प्रजापति  ने  अश्विनी  कुमारों  को   और  उन  दोनों  ने  मुझे   जन  कल्याण  हेतु   आयुर्वेद  का  उपदेश  दिया   l   इसके  बाद  इंद्र  ने   असंख्य  दिव्य  औषधियों   की  जानकारी  दी   एवं  स्वयं  चलकर   सभी  को  दिखाया  l   इंद्र  ने  कहा  ---- " इन  औषधियों  से   मनुष्य  तरुण  रहेगा  ,  शरीर  वर्ण   सुंदर   होगा  ,  बल  की  वृद्धि  होकर   सभी  आकांक्षाएं  पूर्ण  होगीं   l   हमारा  आयुर्वेद  रत्नों  की  खान  है   l     इंडोनेशिया  में  एक  मान्यता  है   कि   आयुर्वेद  के  सभी  ग्रंथों  के    रचयिता   श्री  गणेश जी   हैं   l  वहां  प्रचलित  धार्मिक  ग्रंथों  के  अनुसार   एक  बार  भगवान  शिव  बीमार  पड़े    तो  उन्होंने   नवग्रहों   को  बुलाकर   अपनी  चिकित्सा  करने  को  कहा   ,  किन्तु  वे  सभी  असफल  रहे   l   तब  उनने   संसार  की  सभी  जड़ी बूटियों   को  बुलाया   और  कहा  कि   तुम  अपने - अपने  गुणों  का  बखान  करो   l  जब  यह  क्रम  चल  रहा  था    तब  गणेश जी  इसे  लिपिबद्ध  कर  रहे  थे   l   यही  विवरण   ' प्रमानतरु  '   नामक     एक  विशाल  ग्रन्थ  बन  गया   l   इंडोनेशिया  के  सभी  वैद्य   इस  पुस्तक   को    अपने  पास  रखते  हैं   एवं  जड़ी - बूटियों  से  इलाज  करते  हैं    l   आयुर्वेद  इंडोनेशिया  में  सर्वाधिक   प्रचलित  चिकित्सा  पद्धति  है   l 

WISDOM -----

   डॉ.  ए.  पी.  जे.  कलाम   अपनी  रचना   ' अदम्य  साहस  '  में  लिखते  हैं  ----- "  एक  छात्र  के  प्रश्न  का  उत्तर  देते  हुए    मैंने  कहा   कि   विज्ञान   की  कोशिश   है  कि   लोगों  का  भौतिक  जीवन  बेहतर  हो  ,  जबकि   अध्यात्म  का  प्रयास  है   कि   प्रार्थना   आदि  उपायों  से    इनसान   सच्ची  राह  चले   l   विज्ञान   और  अध्यात्म  के  मिलन   से  तेजस्वी  नागरिक  का  निर्माण  होता  है   l   तर्क  और  युक्ति  विज्ञान   और  अध्यात्म  के  मूल  तत्व  हैं   l  धार्मिक  व्यक्ति  का  लक्ष्य   आध्यात्मिक  अनुभूति  प्राप्त  करना  है   ,  जबकि  वैज्ञानिक  का  मकसद   कोई  महान  अविष्कार  करना  होता  है   l   यदि  जीवन  के   ये  दो  पहलू   आपस  में  मिल  जाएँ    तो  हम  चिंतन  के  उस  शिखर   पर  पहुँच  जायेंगे   ,  जहाँ  उद्देश्य  एवं  कर्म    एक  हो  जाते  हैं   l  " -----------