3 April 2022

WISDOM -----

  ऋषि  का   वचन है ---- " दुष्ट  की  विद्या  विवाद  के  लिए  , धन  मद  के  लिए   और  शक्ति   दूसरों  को  कष्ट  देने  के  लिए  होते  हैं   l   सज्जन  पुरुष  के  लिए   ये  तीनों  विपरीत  होते  हैं   l   विद्या  ज्ञान  के  लिए ,  धन  दान  के  लिए  और  शक्ति  दूसरों  की  रक्षा  के  लिए  होते  हैं   l  "  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं --- मनुष्य  इस  सृष्टि  का  सर्वाधिक  बुद्धिमान  प्राणी  माना  जाता  है  l   वह  अपने  भाग्य  एवं  भविष्य  का  निर्माता  स्वयं  है   l   इतने  पर  भी  देखा  यही  जाता  है  कि  अक्लमंदी  के  प्रदर्शन  में  वह  ऐसे  प्रकृति  विरुद्ध  कार्य  कर  बैठता  है  ,  जिसे  उसकी  परले   सिरे  की  मूर्खता  ही  कहा  जा  सकता  है  l   सुविख्यात  मनीषी   कार्ल   मेनिंजर   ने   अपनी   कृति  ' मैन   अंगेस्ट   हिमसेल्फ  '  में    कहा  है  ----- " आज  सभ्यता  उन  लोगों  द्वारा   विकसित  हो  रही  है  ,  जो  प्राकृतिक   सम्पदाओं  को  नष्ट  करते  हैं  ,  प्रकृति  का  विनाश  करते  हैं   और  अपने  ही  ठौर - ठिकानों   को  प्रदूषित  कर   के  स्वयं  मृत्यु  का  वरण   करने  पर  उतारू  हैं   l  "  उन्होंने  आगे  लिखा  है ---- "अपने  अहंकार  की  पूर्ति  के  लिए   जिस  तरह  एक  देश  दूसरे  देश  को  नीचा  दिखाने   के  लिए   विनाशक  अस्त्र -शस्त्रों  , परमाणु  हथियारों   का  उपयोग  करता  है   और  देखते  ही  देखते   बड़े - बड़े  शहरों   को  ,  बड़ी - बड़ी  सभ्यताओं  को  जमींदोज  कर  देता  है  l   उसके  प्रभाव  से  वह  सारा  क्षेत्र  जीवन  विहीन  हो  जाता  है   और  वातावरण   में  विकिरण  की  विषाक्तता  और  विषाणुओं  की  फौज  ही  शेष  रह  जाती  है  l   यह  उन  संस्थाओं  या  सरकारों  का  कार्य  होता  है  ,  जिन्हे  जनता  नियमित  रूप  से   तरह - तरह  के  उपायों  से  कर  चुकाती   है  l  "