26 September 2019

WISDOM -----

  वन्य  पशु  एक  दूसरे  का  अनुकरण  करते  हुए  जीवन  भर  भटकते  और  विचरते  रहते  हैं  l  उनका  कोई  निश्चित  लक्ष्य  नहीं  होता   l  भेड़ें  इस  आदत के  लिए  बुरी  तरह  बदनाम  हैं  l  आगे  चलने  वाली  भेड़  का  मुंह जिस  ओर  भी  उठ  जाता  है    उसी  दिशा  में  उनका  पूरा  समूह  चल  पड़ता  है  l  किसी   गड्ढे  में  अगली  भेड़  के  गिरते  ही   पीछे  वाली  भी  सब  उसी  में  गिरती  चली  जाती  हैं   l  किसी  को  यह  नहीं  सूझता  कि  यह  अनुकरण  उचित  है  या  नहीं   l
  इसी  तरह    मनुष्यों  में  भी   विरले  ही  होते  हैं   जो   स्वतंत्र  चिन्तन    और  विवेक  बुद्धि  से  काम  लेते  हैं  l  अपने   से  भारी - भरकम   लगने  वाले  लोगों   का  अन्धानुकरण  करने  लगते  हैं  l  जल्दी  धनवान  बनना ,  सुविधा - संपन्नता  का  प्रलोभन  ,   लालच ,  लाभ  की  लालसा   आदि   विभिन्न  सुख - वैभव , विलासिता  को  समय  से  पहले  पा  लेने  की  लालसा  में  व्यक्ति  उन  लोगों  का  अंधानुकरण  करने  लगते  हैं  जिन्होंने  गलत  तरीके  से  यह  सब  हासिल  किया  है  l  कुछ  समय  बाद  जब  आँख  खुलती  है  तब  प्रतीत  होता  है  कि  भटकाव  के  कुचक्र  में  फंसकर  कितना  अनर्थ  कर  लिया  l
मनुष्य  की  अदूरदर्शिता  उसकी  विपत्ति  का  सबसे बड़ा  कारण  है   l