23 March 2018

WISDOM ------

  ईश्वर किसी  को  सम्पदा , विभूति  अथवा  सामर्थ्य  देता  है  तो  निश्चित  रूप  से  उसके  साथ  कोई  न  कोई  सद्प्रयोजन  जुड़ा   होता  है  l   मनुष्य  को  समझना  चाहिए  कि  वह  विशेष  अनुदान    उसे  किसी    समाज  उपयोगी  कार्य  के  लिए  ही  मिला  है  l  अत:  उस  पर  अपना  अधिकार  न  मानकर  सम्पूर्ण  समाज  का  अधिकार  मानना  चाहिए  l  जहाँ  वह  व्यक्तिगत  सम्पदा - सामर्थ्य  मान  लिया  जाता  है  वहीँ  वह  अहंकार  का  कारण  बन  जाता  है  l  यह  अहंकार  ही  व्यक्ति  के  पतन  का  कारण  बनता  है   l