1 August 2021

WISDOM -----

   भगतसिंह  को  फाँसी   से  एक  दिन  पहले    प्राणनाथ  मेहता  ने   उन्हें  एक  क्रांतिकारी   की  जीवनी  पढ़ने  को  दी  थी   l   उस  पुस्तक  को  पढ़ने  में  वे  इतना  तल्लीन  हो  गए   कि   उन्हें  याद  भी  न  रहा  कि  अगले  दिन  उन्हें  फाँसी   लगनी  है   l   जब  उस  दिन  जल्लाद  उन्हें  लेने    जेल  की  कोठरी  में  आया   तो  उनका  एक  पृष्ठ  पढ़ना  शेष  रह  गया  था   l   वे  हाथ  उठाकर  बोले  ---- " ठहरो  !  अभी   एक  क्रांतिकारी   की  दूसरे  क्रांतिकारी   से   मुलाकात    हो  रही  है   l  "  जल्लाद  वहीँ  ठिठक  गया   l   भगतसिंह  ने  पुस्तक  समाप्त  की     और  फिर  मस्ती  भरे   क़दमों  के  साथ   फाँसी   के  तख्त   की  और  चल  पड़े   l   उनके  साथ  राजगुरु  और  सुखदेव  भी  थे    l   तीनों  ने  भारतमाता  की  जय  के  नारे  लगाए   और  गर्व  के  साथ   फाँसी   पर  चढ़  गए   l