13 June 2023

WISDOM ------

    कहते  हैं  भगवान  अपने  भक्तों  का  बहुत  ध्यान  करते  हैं  और  भक्तों  को   बिना  वजह  कष्ट  देने  वालों  को   दंड  देते  हैं  l  भगवान  का  सच्चा  भक्त  चारों  ओर  से  शत्रुओं  से  घिरा  होने  पर  भी  निश्चिन्त  रहता  है   क्योंकि  उसे  पता  है  कि  उसके  साथ  ईश्वर  हैं  l ------ बात  उन  दिनों  की  है   जब  भगवन  के  भक्त  विजयकृष्ण  गोस्वामी  जी  वृन्दावन  में  बाँकेबिहारी  मंदिर  में  रहते  थे  l  वह  समय  था  जब  आधे  पैसे ( अधेला )  का  भी  कुछ  मिल  जाता  था  l  गोस्वामी  जी  ने   अपने  एक  शिष्य  से  कहा --- जाओ  आधे  पैसे  के  पेड़े  ले  आओ  l  शिष्य  भी  आज्ञाकारी  और  भगवान  का  परम  भक्त  था  l  दुकानदार  बड़े -बड़े  सौदे  कर  रहा  था  l  उसने  उस  शिष्य  का  अधेला  उठाकर  नाली  में  फेंक  दिया  l  शिष्य  ने  धैर्य पूर्वक  उस  अधेले  को   उठाया , धोया   फिर  दिया  और  कहा -" हमें  नहीं  खाना  है  , गुरु  महाराज  ने  मंगाया  है , दे  दो  भाई  l  " दुकानदार  ने  उसे  फिर  नाली  में  फेंक  दिया  l  शिष्य  ने  फिर  उठाया , धोया  और  दिया   और  बड़ी  विनम्रता  से  कहा  --- " गुरु जी  ने  प्रसाद  के  लिए  मंगाया  है , दे  दो  l  " दुकानदार  ने  उसे  फिर  नाली  में  फेंक  दिया , शिष्य  ने  फिर  धोया , उठाया और  दिया --- ऐसा  दस  बार  हुआ  l  मालिक  ने  नौकरों  से  कहा --- " इसे  पीटकर  भगा  दो  l  " वह  गोस्वामी जी  के  पास  गया   और  बोला --- 'नहीं  दिया  l  बार -बार  अधेला  फेंकता  ही  रहा  l " गोस्वामी जी  ने  कहा --- " तुमने  गाली  क्यों  नहीं  दी  ?  उसका  स्वभाव  ही  गाली   सुनकर  काम  करने  का  है  l  तुम्हे  मालूम  है  कि  तुम्हारे  धैर्य  के  कारण    वहा  देवत्व  इतना  बढ़ा   कि  दुकान  में  आग  लग  गई  l  तुम  बुरा -भला  कह  देते  तो  आग  नहीं  लगती  l  भगवान  अपने   भक्तों    का   अपमान  कभी  सहन  नहीं  करते  l  इसीलिए  उसे  दंड  मिला  l "  उसी  समय  दुकानदार  दौड़ा -दौड़ा  पेड़े  का  पैकेट  लिए  आया   और  बोला --- " महाराज  ! आपके  चेले  का  अपमान  हमसे  हो  गया   l  हमारी  पूरी  दुकान  जल  गई  l