' संसार में केवल सफलता को ही सम्मान नहीं मिलता बल्कि उससे भी ज्यादा मान्यता किसी ऊँचे आदर्श के लिए त्याग , बलिदान और समर्पण की भावनाओं को दी जाती है l महाराणा प्रताप में ये गुण इतने अधिक मात्रा में थे कि अनेक लेखकों ने उनके जन्म को किसी महान दैवी - विधान का अंग मान लिया है l '
राणा प्रताप ने जातीय सम्मान और कर्तव्य निष्ठा के क्षेत्र में जो आदर्श उपस्थित किया उसका प्रभाव बहुत समय तक जनमानस पर पड़ता रहा l
राणा प्रताप ने जातीय सम्मान और कर्तव्य निष्ठा के क्षेत्र में जो आदर्श उपस्थित किया उसका प्रभाव बहुत समय तक जनमानस पर पड़ता रहा l