संसार में बुराई इसलिए फैली है कि लोगों के मन में बुरे विचारों का बाहुल्य रहता है l चोर , डाकू , जुआरी , व्यभिचारी , व्यसनी अपने विचारों के पक्के होते हैं l शराबी अपने विचारों में पक्का होता है l बदनामी , धनहीनता और स्वास्थ्य नाश की परवाह न कर के वह शराब पीता है l उसके विचार और कर्म में एकता है , वह स्वयं तन्मय होकर शराब पीता है फिर अपने संगी - साथियों को भी पीने के लिए प्रेरित करता है l विचार व कर्म की इस एकता से एक द्रढ़ता उसमे रहती है , इस कारण अनेक मनुष्य उसके प्रभाव में आकर शराब पीने लगते हैं l
चरित्र शिक्षण की यही पद्धति सफल होती है --- जैसा कहते हो , उपदेश देते हो , वैसा आचरण स्वयं करो l
बुराई की भांति अच्छाई में भी अपनी शक्ति होती है किन्तु अच्छाई इसलिए पनप नहीं पाती क्योंकि उसका शिक्षण करने वाले ऐसे लोग नहीं निकल पाते जो अपने वचन व कर्म की एकता से दूसरों की अंतरात्मा पर अपनी छाप छोड़ सकें l अपने अवगुणों को छिपाने के लिए या सस्ती प्रशंसा पाने के लिए लोग अच्छाई का , शराफत का आडम्बर ओढ़ लेते हैं l ' पर उपदेश सकल बहुतेरे l '
जब कभी परिपक्व आचरण के सच्चे एवं श्रेष्ठ व्यक्ति प्रकाश में आते हैं तो असंख्य लोग उनसे प्रेरणा प्राप्त करते हैं l महात्मा गाँधी वही कहते थे , जो करते थे l जो उनके मन में है , वही उनकी वाणी में है इसलिए उनकी प्रेरणा से असंख्य व्यक्तियों की भावनाएं बदली , सुख - वैभव छोड़कर लाखों व्यक्तियों ने हँसते - हँसते भारी बलिदान की जोखिम उठाई l वे विश्व भर में असंख्यों के लिए अनुकरणीय हैं l
चरित्र शिक्षण की यही पद्धति सफल होती है --- जैसा कहते हो , उपदेश देते हो , वैसा आचरण स्वयं करो l
बुराई की भांति अच्छाई में भी अपनी शक्ति होती है किन्तु अच्छाई इसलिए पनप नहीं पाती क्योंकि उसका शिक्षण करने वाले ऐसे लोग नहीं निकल पाते जो अपने वचन व कर्म की एकता से दूसरों की अंतरात्मा पर अपनी छाप छोड़ सकें l अपने अवगुणों को छिपाने के लिए या सस्ती प्रशंसा पाने के लिए लोग अच्छाई का , शराफत का आडम्बर ओढ़ लेते हैं l ' पर उपदेश सकल बहुतेरे l '
जब कभी परिपक्व आचरण के सच्चे एवं श्रेष्ठ व्यक्ति प्रकाश में आते हैं तो असंख्य लोग उनसे प्रेरणा प्राप्त करते हैं l महात्मा गाँधी वही कहते थे , जो करते थे l जो उनके मन में है , वही उनकी वाणी में है इसलिए उनकी प्रेरणा से असंख्य व्यक्तियों की भावनाएं बदली , सुख - वैभव छोड़कर लाखों व्यक्तियों ने हँसते - हँसते भारी बलिदान की जोखिम उठाई l वे विश्व भर में असंख्यों के लिए अनुकरणीय हैं l