21 April 2022

WISDOM ------ --- प्रेरक लघु कथा ----

  एक  राजा  के  राज्य  में  एक  नदी  बहती  थी   l   जो  आगे  चलकर    दूसरे   राजा     के  राज्य  में  जाती  थी   l    पहले  राजा  ने   कई  जगह  बाँध  बनवा  रखे  थे  ताकि  पानी  खेतों  में  पहुँचता  रहे   l   फिर  भी  अगले  राजा  के  राज्य  में   भी  नदी  का  पानी   पहुँचता  ही  था   l  पहला  राजा  बड़ा  ईर्ष्यालु  था  l    उसने  हुकुम  दिया  कि   अपनी  नदी  का  एक  बूंद  पानी  भी   पडोसी  राज्य  में  न  जाने  पाए   ,  इसके  लिए  ऊँचे - ऊँचे  बाँध  बना  दिए  जाएँ   l   इससे  दूसरे  राजा  के  राज्य  में  सूखे  की  स्थिति  बन  गई   और  पहले  राजा  राजा  के  राज्य  में   रुका  हुआ  पानी  इतना  अधिक  जमा  हो  गया   जिससे  सारी   जमीन  ही  डूब  गई   ,  मकान  भी  बैठ  गए   l    जो  दूसरों  का  बुरा  चाहता  है  उसका   पहले  अपना  बुरा  होता  है  l                                                                   2 .          एक   बूढा  आदमी  पेड़  के  समीप  आकर  खड़ा  हुआ  l  बोला ---- " अरे ,  फल  नहीं  सो  नहीं   ,  फूल    भी  नहीं  और  पत्ते  भी  नहीं    l   बसंत  में  तुम्हारी  बहार  देखते  ही  बनती  थी   l  पेड़  ने  लम्बी  आह  भरी  और  बोला  ----" काश  !  तुमने  अपना  झुर्री  भरा  चेहरा  देख  लिया  होता   l बसंत  ऋतू  तो  सदा  आती  जाती  रहेगी    पर  बूढी  पीढ़ी    और  प्रथा  - परंपरा  को   अपना  दायित्व  पूरा  करते    हुए  नयों  के  लिए  भी   स्थान  खाली  करना    होता     है  अन्यथा  यह  स्रष्टि  ही  बूढी  होकर   समाप्त  हो  जाएगी   l  "  बात  वृद्ध  की    सभी  को   समझ  में  आ  गई  l