29 September 2018

WISDOM ------ दो जगह मन नहीं लग सकता , जीवन को एक उद्देश्य के साथ जियें ----- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य  कहते  हैं  कि मनुष्य  के  जीवन  का  लक्ष्य  एक  ही  हो  सकता  है  , दो  दिशाओं  में  निर्धारित  नहीं  हो  सकता  है  l  यदि  हमारे  जीवन  का  लक्ष्य  अपनी  सब  इच्छाएं  पूरी  करना  और  ऐशोआराम  के  साधन  जुटाना  है   तब --- पूजा -पाठ , सेवा  और  लोक कल्याण  के  कार्य  मात्र  दिखावा   हो  जायेंगे  l  जो  जीवन  को  एक  उद्देश्य  के  साथ  जीते  हैं ,  वे  इसे  संवारते  हैं   और  मानवीय  जीवन  की  गौरव - गरिमा  के  साथ  न्याय  कर  पाते  हैं  l  
  
 एक  बार  नारदजी  धरती  पर  भ्रमण  कर  रहे  थे  ,  उनकी  भेंट  साधुओं  की  एक  जमात  से  हो  गई  l  उन्होंने नारदजी  को  घेर  लिया  और  बोले -----" स्वर्ग  में  तुम    अकेले  ही  मौज  करते  हो l  हम  सबके  लिए  वैसे  ही  राजसी  ठाठ  जुटाओ , नहीं  तो  नारद बाबा  चिमटे  से  मार - मार  कर  तुम्हारा  भूसा  बना  देंगे   नारदजी  घबरा  कर  भगवान  के  पास  आये  और  उन्हें  सारी   घटना  सुनाई    l  यह  सुन  कर  भगवान  को  बहुत  क्रोध  आया   l  भगवान  ने  कहा कि  उस  साधु  मंडली  से  कहना  कि --- " त्यागी  और  परमार्थी  का  वेश  बनाकर   ऐसी  प्रवंचना  असह्य  है  l  समाज  में  लोगों  की  भावनाओं  को  छलोगे ,  धर्म  के  नाम  पर  आडम्बर  और  छल - कपट  करोगे  तो  नरक  में  अनंत  काल  तक  पड़े  रहोगे  l "