6 October 2023

WISDOM -------

  काम , क्रोध , लोभ , मोह   मन  की  ऐसी  कमजोरियां  हैं  जिनसे  मनुष्य  तो  क्या   ऋषि , मुनि  , देवता  कोई  नहीं  बचे  l  जो  इन  पर  विजय  पाने  का  अहंकार  करते  हैं   वे  ईश्वर  द्वारा  ली  जाने  वाली  परीक्षाओं  में  असफल  हो  जाते  हैं , अहंकार  व्यर्थ  है  l  इन  पर  विजय  पाना  भी  ईश्वरीय  कृपा  से  ही  संभव  है  l   पुराण  की  एक  कथा  है -------- वेदव्यास  के  शिष्य  थे  जैमिनी  l  जैमिनी   को  अपनी  तप  साधना  पर  और  वेदांत  के  ज्ञान  पर  अहंकार  था  l  मैं  ही  ब्रह्म  हूँ , उस  पर  तर्क  करते  l  उन्हें  अहंकार  हो  गया  कि  उन्होंने    मन  की  इन  कमजोरियों  को  जीत  लिया  है  l    गुरु  ने  अपने  शिष्य  को  सही  राह  पर  लाना  ठीक  समझा  जिससे  यह  अहंकार  का  भूत  उतर  जाये  l  जैमिनी  जंगल  में  कुटिया  बनाकर  रहते  थे  l एक  अँधेरी  रत , तेज  आँधी  आई  , वर्षा  हो  रही  थी  l  जैमिनी  कुछ  लिख  रहे  थे  , अचानक  एक  सुन्दर  युवती  आई   और  बोली --- " आप  महापुरुष  है , यहाँ  डर  कैसा  l  आज्ञा  हो  तो  कुटिया  में  शरण  ले  लें  l " जैमिनी  के  अहं  को  पोषण  मिला , बोले  -- हाँ ,  विश्राम  कर  लो , दरवाजा  अन्दर  से  बंद  कर  लो  l  "     कुछ  समय  बीता , युवती  की  उपस्थिति  से  मन  कुछ  विचलित  हुआ  , दरवाजा  खटखटा  कर  उसका  हाल  पूछा   तो   अन्दर  से  आवाज  आई  ---हम  ठीक  हैं  l  लेकिन   मन  कुछ  ऐसा  बैचैन  हुआ  कि  फूस  की   छत    का  खपरैल  हटाकर  अन्दर  कूदे   तो  अन्दर  देखा  महर्षि  वेदव्यास  आसन  पर  बैठे  मुस्करा  रहे  हैं  l  जैमिनी  बहुत  शर्मिंदा  हुए  और  गुरु  के  चरणों  में  गिर  गए  l  गुरु  ने  समझाया  ---- ' देह  रहते  आसक्ति  का  त्याग  विरलों  से  ही  संभव  है  l  अहंकार  नहीं  करो  l '   जैमिनी  को  सही  शिक्षण  मिला   l