7 September 2021

WISDOM -----

   एक  कुष्ठी   भिक्षा  मांग  रहा  था   l   उधर  से  जो  भी  निकलता  ,  कुष्ठी   अपना  हाथ  फैलाकर  कहता  ,  जो  दे  उसका  भी  भला  ,  जो  न  दे  उसका   भी    भला    l  एक  युवक  ने  एक  सिक्का  उसके  हाथ  पर  डालते  हुए   पूछा  ----  क्यों  भाई  ,  तुम्हारा  पूरा  शरीर  गला  जा  रहा  है   l   हाथ  और  पैर   की  उँगलियाँ    तक  अब  ऐसी  न  रहीं  कि   कुछ  काम  कर  सको   l   फिर  इस  कष्ट  का  जीवन  जीने  से  क्या  लाभ   ?  यह  तो  जीवित  अवस्था  में   लाश  ढोने   जैसी  स्थिति  है  l    कुष्ठी   ने  कहा  ----- ' मित्र  !  तुम  बात  तो  ठीक  कहते  हो   और  कभी - कभी  मेरे  मन  में  भी   इस  प्रकार  का  प्रश्न  उठता  है  ,  पर  मुझे  ऐसा  लगता  है   कि   ईश्वर  मुझे  इसलिए  जीवित  रखे  हुए  है    कि   लोग  कम  से  कम   मुझे  देखकर   यह  समझ  सकें कि   मूर्ख ,  इस  संसार  में    कभी  तू  भी  मेरे  जैसा  हो  सकता  है  ,  अत:  इस  संसार  में  काया    की  सुंदरता  का  घमंड  करने  से    कोई    लाभ  नहीं  है   l