19 February 2020

WISDOM ----- अनीति का साम्राज्य देर तक नहीं टिकता

  प्रकृति  में  जहाँ  पात्रता  के  अनुरूप  अनुदान - वरदान मिलने ,  अनायास  सहयोग  मिलने  का  विधान  है  ,  वहीँ  दुष्ट - दुराचारियों  ,  अत्याचारियों  को   उनके  कुकृत्य  के  लिए  भयंकर  दंड  व्यवस्था  भी  है  l   दूसरों  के  विनाश  का  तानाबाना  बुनने  वाले  स्वयं  भी  नहीं  बच  पाते   l   स्वामी  विवेकानंद  ने  एक  स्थान  पर  उल्लेख  किया  है  कि   स्थूल  जगत  की  तरह  एक  सूक्ष्म  जगत  भी  है   और  उससे  हम  उसी  प्रकार  घनिष्ठ  रूप  से  संबद्ध   हैं , जिस  प्रकार  भौतिक  जगत  से   l  वे  कहते  हैं  कि   हमारे  इर्द - गिर्द   हर  वक्त   अनेकों  सत्ताएं  मंडराती  रहती  हैं  , पर  हमारा  संपर्क  सिर्फ  उन्ही  सत्ताओं  से  हो  पाता   है   जिनकी  आवृति  से  हमारी  चिंतन - चेतना  की  आवृति  मेल   खाती    है  l   आज  सर्वत्र  आपाधापी   और  विनाशकारी  वातावरण  दिखाई  देता  है   l अधिसंख्यक  लोग  अनैतिक  कार्यों  में  रूचि  लेते  दिखाई  पड़ते  हैं  l   इसका  प्रमुख  कारण  यह  है  कि   चिंतन  की  नकारात्मकता  के  कारण   सूक्ष्म  जगत  की  आसुरी  शक्तियां  उन  पर  सवार  होती  हैं   और  विनाशकारी  कुचक्र   रचने  की  प्रेरणा   भरती   हैं   l  इतिहास  साक्षी  है  कि   जिन  व्यक्तियों  ने  मनुष्य  और  समाज  के  लिए  क्रूरतम  कार्य  किये  ,  उन  पर  सदा  असुर  सत्ताएं  छाई   रहीं  और  अंतत :  वही  उनके    अंत  का  कारण  बनीं  l 
  हिटलर , तैमूर लंग ,  नादिरशाह ,  रोम  का   शासक  नीरो    आदि  अनेक  आततायियों  का  अंत  भी  दर्दनाक  हुआ  l