31 August 2024

WISDOM -----

   राजा  बालीक  ने  अपने  प्रधान  सचिव  विश्वदर्शन  को   पदच्युत  कर  राज्य  से  निकाल  दिया  l  विश्वदर्शन  एक  गाँव  में  रहते  थे  , पदच्युत  होने  के  बाद   वे  वहीँ  आकर  बड़े  परिश्रम   का  जीवन   बिताने  लगे  l  एक  दिन  राजा  बालीक  को  यह  देखने  की  इच्छा  हुई   कि  विश्वदर्शन  की  स्थिति  कैसी  है  ?   वे  वेश  बदलकर  उसी  गाँव  की  ओर  चल  पड़े  l  गाँव   पहुंचकर    उन्होंने  देखा  कि  विश्वदर्शन  के   मकान  के  सामने  पच्चीसों   व्यक्ति  बैठे  बातचीत  कर  रहे  हैं   और  प्रसन्न  हैं  l  विश्वदर्शन  स्वयं  बड़े  प्रसन्नचित्त  दिखाई  दे  रहे  हैं   l छद्म  वेश धारी   बालीक  ने  विश्वदर्शन  से  पूछा --- "  महानुभाव  !  आपको  तो  राजा  ने  पदच्युत  कर  दिया  है  ,  फिर  भी  आप  इतने  प्रसन्न  हैं  , इसका  रहस्य  क्या  है  ? "   विश्वदर्शन  ने  राजा  को  पहचान  लिया  और  बोले  ---- "  रहस्य  है  ' मनुष्यता  '  ,   महाराज  !  पहले  तो  लोग  मुझसे  डरते  थे  ,  पर  अब  वह  डर  नहीं  है  ,  इसलिए  लोगों  से  खुलकर  बात  करने   और  सेवा , सहानुभूति   व्यक्त  करने  में  बड़ा  आनंद  आता  है  l "  महाराज  बालीक  ने  अनुभव  किया  , सच  है  कि  पद  से  लोग  डर  सकते  हैं  ,  सम्मान  तो  मनुष्यता  के  श्रेष्ठ  गुणों  का  होता  है  l  लौटते  समय   वे  विश्वदर्शन  को  पुन:  साथ  लेते  आए   और  उन्हें  उनका  पद  लौटा  दिया   l