7 July 2022

WISDOM -----

    परिवार  , समाज  हो  या  राष्ट्र  --- उसकी  अधिकांश  समस्याएं  आपसी  फूट ,  एक  दूसरे  को  न  समझ  पाने  की  वजह  से  उत्पन्न  होती  है  l  इस  संसार  में  भांति -भांति  के  लोग  हैं ,  सबके  अपने  विचार , अपना  जीने  का  तरीका  है  l  यदि  हम  सबसे  छोटी  इकाई  परिवार  को  लें ---- तो  कभी  परिवार  के  सदस्यों  की  अपनी  कमियों   और  नासमझी    के  कारण  परिवार  में  फूट  होती  है , लड़ाई - झगड़े  होते  हैं  l   लेकिन  कलियुग  में  ऐसे  लोगों  की  भरमार  है    जो  ईर्ष्या -द्वेष  के  कारण   किसी  परिवार , समाज  या  राष्ट्र  को  आगे  बढ़ता  हुआ  नहीं  देख  सकते  ,  उनका  जन्म  ही  इसलिए  है  कि  फूट  डालकर  अपना  स्वार्थ  सिद्ध  करें   l  जब  मनुष्य  में  सद्बुद्धि  होगी ,  उसका  विवेक  जाग्रत  होगा    तभी  वह  ऐसे  नकारात्मक  तत्वों  से   स्वयं  को   प्रभावित    नहीं  होने  देगा   और  आंख -कान  खुले  रखकर ,  जागरूक  होकर   अपने  जीवन  का  सफ़र  तय  करेगा   l ------- एक  कथा  है ------   एक  जंगल  में   हिरन ,  कौआ ,  कछुआ  और  चूहा  रहते  थे   l  विपरीत  बुद्धि  के  कारण  परस्पर  झगड़ते  रहते  थे   l  शिकारी  अक्सर  उन्हें  मारते  रहते  थे  ,  सो  उनका  वंश  नष्ट  हो  चला  था  l    एक  दिन  एक  संत  ने  उन्हें   हिल -मिलकर  रहने  का  उपदेश  दिया   l  वे  चारों  मिल -जुलकर  रहने  को  सहमत  हो  गए   l    एक  दिन  एक  शिकारी  आया  l  दिनभर  कोई  शिकार  न  मिलने  पर  उसने  रेंगते  हुए   कछुए  को  पकड़ा   और  जाल  में  रखकर   चलने  लगा  l  शेष  तीनों  मित्र  अलग -अलग  तो  कमजोर  थे   लेकिन   अब  उन्होंने  मिल -जुलकर  सूझ -बूझ   से  काम  लिया   l  हिरन  शिकारी  के  सामने  से  लंगड़ाते  हुए  चलने  लगा  l  कौआ  उसकी  पीठ  पर  बैठ  गया   l  शिकारी  ने  सोचा   इस  स्थिति  का  लाभ  उठाकर  हिरन  को  पकड़ना  आसान  है  इसलिए  उसने  जाल  नीचे  रख  दिया   और  हिरन  के  पीछे  दौड़ने  लगा   l  इतने  में  चूहे  ने  जाल  काट  दिया   और  कछुआ  भागकर  एक  झाड़ी  में  छुप  गया   l  बहुत  देर  पीछा  करने  के   बाद  जब   हिरन  ने  कुलाँचे    भरीं    तो  निराश  शिकारी  वापस  लौटा    तो  जल  कटा  देखा  और  कछुए  को  गायब  पाया   l  शिकारी  को  उस  क्षेत्र  में   किसी  भूत -प्रेत  की  उपस्थिति   एवं  करतूत  प्रतीत  हुई  ,  सो  वह  रात्रि  में   उधर  रुके  बिना  ही    भयभीत  होकर   तत्काल  घर  लौट  पड़ा   l    मित्रता  और  सूझबूझ   के  सहारे   मनुष्य  कठिनाइयाँ  आसानी  से  पार  कर  लेता  है    लेकिन  जब  आपस  में  ही  लड़ते  हैं   तब  छोटी  मुसीबत  में  भी  भारी  हानि  उठाते  हैं   l