3 March 2023

WISDOM -----

   लघु -कथा --- मगध  के  राजा   ने   अपने  पुत्र  को  राज्य  का  भार  सौंपकर   शेष  जीवन   भक्ति  और  साधना  में  लगाने  का  निश्चय  किया   l  वे  चाहते  थे  कि   उनके  पुत्र  का  प्रमुख  सलाहकार   एक  ऐसा  व्यक्ति  हो  जो  धर्म  के  मर्म  को  समझता  हो   और  निष्ठावान  भी  हो  l  परीक्षा  लेने  के  लिए  उन्होंने  राज्य  में  घोषणा  करा  दी   कि  वे  राजकुमार  को  निष्कासित  कर  रहे  हैं  ,  जो  उसका  साथ  देगा  उसे  मृत्युदंड  दिया  जायेगा  l  राजकुमार  के  तीन  घनिष्ठ  मित्र  थे  l  वे  तीनों  दावा  करते  थे  कि  वे  राजकुमार  के  लिए  प्राण  भी  दे  सकते  हैं    प-परन्तु  जब  राजकुमार  उनसे  मिलने  गया    तो  दो  मित्रों  ने  मिलने  से  भी  मना  कर  दिया  l  तीसरा  मित्र  बोला ---- " मित्र  !  मैं  तुम्हारे   सुख  के  दिनों  का  साथी  रहा  हूँ   तो  दुःख  के  दिनों  में  भी   तुम्हारा  साथ  दूंगा  ,  लेकिन  उसके  पहले   मैं  राजा  से  मिलकर  कुछ  बात  करना  चाहता  हूँ  l   वह  युवक  राजमहल  पहुंचा  , उसने  विनम्रता  से  राजा  से  पूछा ---" राजन  !   आखिर    राजकुमार    ने  ऐसा  कौन  सा   अपराध  किया  कि  उसे  देश निकाला  दिया  जा  रहा  है  ?  बिना  अपराध  के  किसी  को  दंड  देना  न्यायोचित   नहीं  है  l " राजा  बोले ---- "  तुम  राजकुमार  की   छोड़ो  , अपनी  बात  कहो  l  तुम  उसका  साथ   दोगे   या  नहीं  ? "  वह  बोला --- " मैं  प्राण  देकर  भी  मित्र  धर्म  का  पालन  करूँगा   l  "  राजा  समझ  गए  कि  राजकुमार  का   यही  मित्र  उसका  प्रमुख  सलाहकार  बनने  योग्य  है   l