1 January 2025

WISDOM ----

   ' जाको  राखे  साइयाँ  मार  सके  न  कोय  ,  बाल  न  बांका  करि  सके  जो  जग  बैरी  होय  l '   यह  भी  एक  आश्चर्य  है  कि  जो इस  संसार  में  निश्चित  है  , मनुष्य  उसी  से डरता  है  l    ' जिसका  जन्म  हुआ  है  उसकी  मृत्यु  निश्चित  है  , फिर  भी  सब मृत्यु  से  ही  डरते  हैं   l  यह  डर  भी  दूर हो  सकता  है   यदि  मनुष्य  सत्कर्म  करे  ,  ईश्वर  की  सत्ता  में  विश्वास  करे  l  प्रत्येक   प्राणी  को  ईश्वर  ने  गिनती  की  साँसे  दी  हैं  जिन्हें कोई  भी  छीन  नहीं  सकता  l    मृत्यु  के  देवता  कभी  भी  जाति , धर्म , ऊँच -नीच , छोटे -बड़े , अमीर -गरीब  का  कोई  भेदभाव  नहीं  करते   l  सब  एक  ही  तरीके  से  खाली  हाथ  जाते  हैं  l  इस  व्यवस्था  से  ईश्वर  संसार  को  यह  समझाना  चाहते  हैं  कि  ऐसे  बिना  वजह के  भेदभावों  में  , लड़ाई -झगड़ों  में अपने  अनमोल  मानव  जीवन  को    व्यर्थ  में न  गंवाओं  l  ऐसे  लड़ाई -झगडे , दंगों  में  मरने  और  मारने  वालों  की  कभी  मुक्ति नहीं  होती  , अकाल  मृत्यु , बीमारी , महामारी  से  मरने  वालों  की  संख्या  बढ़  जाती  है  l  मुक्त  न  होने  के  कारण   भूत   -प्रेत , पिशाच  जैसी  नकारात्मक  शक्तियों  की  संख्या  बढ़ जाती  है  l   ये  नकारात्मक  शक्तियां  अपनी  भूख  मिटाने  के  लिए  लोगों  के  मन  पर  हावी  होकर  ऐसे  ही  युद्ध , हत्या   आदि  अमानवीय   कार्यों  को  जन्म  देती  हैं  l  इतिहास  में  इसके  अनेक  उदाहरण  भी  हैं  l  फिर  आज  के  इस  वैज्ञानिक  युग  में   मनुष्य  की  बुद्धि   का  और  बुद्धि  के  साथ   स्वार्थ  का  इतना  अधिक  विस्तार  हो  गया  है  कि    रावण , मारीच , घटोत्कच जैसे  असुरों  की   ' माया '  अब  वैज्ञानिक  तरीकों  से   संसार  को  त्रस्त कर  रही  है  l  मनुष्यों  में  दूसरों  को  अपना  गुलाम  बनाने  की  प्रवृत्ति  होती  है  ,  अब  वे  इन  नकारात्मक  शक्तियों  को  कंट्रोल  कर  अपना  गुलाम  बनाकर   उनसे  अपना  स्वार्थ  सिद्ध  कराते  हैं  l  इन  सबसे  पूरा  वातावरण  प्रदूषित  हो  गया   है  l  इसलिए  हमारे  ऋषियों  ने  , आचार्य  ने  कहा  है  कि  गायत्री  मन्त्र  और  महामृत्युंजय  मन्त्र  से  प्रकृति  को  पोषण  मिलता  है , वातावरण  शुद्ध  होता  है  l  कलियुग  में  मानवता  की  रक्षा  के  लिए  इनका  जप  जरुरी  है  l