यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि मनुष्य जिस व्यक्ति या वस्तु पर बहुत अधिक निर्भर रहता है , वह व्यक्ति या वस्तु धीरे -धीरे उसे अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं और वह व्यक्ति उनका गुलाम बन जाता है l जैसे वैज्ञानिक आविष्कार मनुष्य की सुख -सुविधा के लिए थे लेकिन धीरे -धीरे लोगों को उनकी आदत बन गई और अब वह उनके बिना एक कदम भी नहीं चल सकता , इसका अर्थ है कि अब वह मशीनों का गुलाम बन गया l इसी तरह जब से धन को मानवीय मूल्यों से अधिक महत्त्व दिया जाने लगा तो धन -वैभव संपन्न वर्ग विभिन्न देशों में सरकार के निर्णयों को भी प्रभावित करने लगा है l इस युग का जो सबसे बड़ा संकट है वह यह है कि अब मनुष्य अपने टेलेंट को दिखाने के लिए , अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए और अपने वर्चस्व के लिए प्रकृति में विचरण करने वाली नकारात्मक शक्तियों की मदद लेने लगा है l भूत-प्रेत --एंटिटी ---- आदि को विभिन्न तरीकों से अपने नियंत्रण कर मनमाना काम करते हैं l यहाँ तक कि इन नकारात्मक शक्तियों की मदद से वे किसी के भी माइंड को कंट्रोल कर उसे अपनी इच्छानुसार कार्य करने के लिए विवश कर देते हैं l यह सब पहले भी होता था , रावण ,मारीच , महिषासुर , घटोत्कच आदि बड़े -बड़े असुर अपना भेस बदलने में और मायावी विद्या में निपुण थे और इसके बल पर वे मनमानी करते थे l आज के युग में व्यक्ति शार्टकट से जीवन में सब कुछ हासिल करने के लिए इन मायावी विद्या का प्रयोग करता है l ऐसे कार्य करने वालों का क्षेत्र व्यापक ही होता जा रहा है l इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि विज्ञानं और धन की तरह ये नकारात्मक शक्तियां भी एक दिन मनुष्य पर हावी होकर उसे अपना गुलाम बना लेंगी और तब मनुष्य केवल शरीर से मनुष्य होगा , वह भीतर से खोखला और इन नकारात्मक शक्तियों से संचालित होगा l जैसे -जैसे इन नकारात्मक शक्तियों का प्रयोग बढ़ता जायेगा संसार में आतंक , युद्ध , हत्याकांड , आत्महत्याएं , प्राकृतिक प्रकोप , दुर्घटनाएं बढती जाएँगी क्योंकि इन्हें अपनी खुराक चाहिए l संसार को जागरूक होने की जरुरत है क्योंकि भूत -प्रेत आदि नेगेटिव एनर्जी के साथ काम करने वाले अंत में इन्ही के मेहमान बन जाते हैं और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भुतहा संसार छोड़कर जाते हैं l