21 March 2024

WISDOM ----

   लघु कथा --- एक  गोताखोर  बहुत  दिनों  से  असफल  रह  रहा  था  l  घोर  परिश्रम  करने  पर  भी  कुछ  हाथ  न  लगा  l  पेट  भरने  के  लाले  पड़  गए   l  कोई  रास्ता  सूझता  न  था  l  एक  दिन  किनारे  बैठकर   उसने  देवता  की  बहुत  प्रार्थना  की   --- "आप  सहारा  न  देंगे  तो  मैं  जीवित  कैसे  रहूँगा  ? "  देवता  को  दया  आ  गई  , उन्होंने  उसे  आशीर्वाद  दिया  l  अब  उसने  फिर   डुबकी    लगाईं  तो  एक  पोटली  हाथ  लगी  ,  खोलकर  देखा  तो  उसमें  छोटे -छोटे  पत्थर  भरे  थे  l  दुर्भाग्य  को  उसने  कोसा  और  देवता  को  निष्ठुर  बताया  l  वह  एक -एक  कर  के  पत्थर  के  टुकड़ों  को  पानी  में  फेंकने  लगा   और  सोचने  लगा  कि  अब  वह   गोताखोरी छोड़कर   मछली  पकड़ेगा , इसमें  लाभ  है  l  इन्हीं  विचारों  के  बीच  जब  उसने   अंतिम  टुकड़े  को  ध्यान  से  देखा  ,  तो  वह  बहुमूल्य  नीलम  था  l  देवता  के  अनुग्रह  से  मिली  इतनी  राशि  उसने  अपने  हाथों  गंवाई  ,  इसका  उसे  बहुत  दुःख  हो  रहा  था  l  तभी  देवता  प्रकट  हुए   और  बोले  --- "  अकेले  तुम  ही  इस  दुनिया  में  प्रमादी  नहीं  हो  ,  अन्य  लोग  भी  इस   रत्न राशि  से  बढ़कर   बहुमूल्य  जीवन संपदा   को  इसी  प्रकार  बरबाद  करते  हैं  l  जाओ  जो  बचा  है  उसे  बेचकर  कम  चलाओ  l  बड़े  भाग्य  से  मनुष्य  का  शरीर  मिलता  है  ,  होश  में  रहकर  जीवन  जियो  l  "