23 December 2020

WISDOM ------

   जब  कभी   गाँव  के  लोगों  का   कोई  समूह  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  से  मिलने  आता  ,  तो  वे  उन्हें  उत्साहपूर्वक  बताते  कि  वे  भी  गाँव  के  हैं  l   ग्रामीण  जीवन  के  प्रति   व  किसानों  के  प्रति  उनमें  एक  विशेष  लगाव  था  l   ऐसे  ही  एक  बार  जब  किसानों  का  एक  समूह  उनसे  मिलने  आया  ,  तो  उन्होंने  कहा ---- "  बेटा  !  किसान  होना   कोई  छोटी  बात  नहीं  है   l   किसान  है  ,  गाँव  है  ,  तो  जीवन  है  l   जितना  किसान  समृद्ध  होंगे  ,  गाँव  विकसित  होंगे  ,  उतना  ही  जीवन  विकसित  और  समृद्ध  होगा   l  "

WISDOM -----

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है  ----  ' विपत्तियों  को  हँसकर   तप  करने  के  निमित्त   स्वीकार  करना  चाहिए  l   कभी  उनसे  डरना  नहीं  चाहिए  l ' ----- द्रोणाचार्य  कौरव  सेना  के  सेनापति  बने  l   पहले  दिन  का  युद्ध  बहुत  कौशल  के  साथ  लड़े  ,  तो  भी  उस  दिन  की  विजय  अर्जुन  के  हाथ  लगी  l   यह  देखकर    दुर्योधन  बड़ा  निराश  हुआ  l   हताश  और  क्रोध   से  भरी  मन:स्थिति   के  साथ  वह   गुरु  द्रोण   के  पास  गया   और  बोलै  --- " गुरुदेव  !  अर्जुन  तो  आपका  शिष्य  मात्र  है   l   आप  तो  उसे  एक  क्षण  में  परास्त  कर  सकते  हैं  l   फिर  ऐसा  कैसे  हुआ   ? "  द्रोणाचार्य  गंभीर  मुद्रा  में  बोले  ---- " तुम  ठीक  कहते  हो  ,  पर  एक  तथ्य  नहीं  जानते  हो   l   अर्जुन  मेरा  शिष्य  अवश्य  है  , पर  उसका  सारा  जीवन   कठिनाइयों  से  संघर्ष  में  ,  वनवास  में  ,  अज्ञातवास  में  बीता   l   मैंने  राजसी  सुख  में  जीवन  काटा  है  l   कुधान्य  खाया  है  l   विपत्ति  ने  उसे  मुझसे  भी  अधिक  बलवान  बना  दिया  है   l  "