किसी भी पिछड़े समाज या ऐसा कोई भी समाज जिसमे असंतोष है , उपेक्षित रहा है , उसे मुख्य धारा में लाने के लिए केवल सरकारी सहायता ही पर्याप्त नहीं हैं l उस समाज के लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन करना आवश्यक है l जीवनशैली में परिवर्तन करना आसान कार्य नहीं है l यह अत्यंत धैर्य पूर्वक और दीर्घ काल तक की जाने वाली प्रक्रिया है ---- समाज में महिलाओं एवं पुरुषों को केवल पैसा या सहायता देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उस पैसे व सहायता से उनके अन्दर की क्षमता एवं रचनात्मकता के आधार पर स्वावलंबन का कार्य आरम्भ करना चाहिए , उन्हें शुभ कर्मों से जोड़ना चाहिए और सेवा कार्यों में भी संलग्न करना चाहिए l इससे उनकी जीवनशैली में परिवर्तन आएगा , उनके जड़ जमाये नकारात्मक विचार बदलेंगे l शिक्षा एवं विभिन्न प्रकार की सेवा एवं स्वावलंबन कार्य के करने से उनके अन्दर आत्मविश्वास जागेगा एवं वे स्वयं इन कार्यों में प्रवृत होंगे l
19 June 2018
WISDOM ----- सकारात्मक सोच से ही जीवन सुखी हो सकता है l
जो परिस्थितियों को सकारात्मक अवसर के रूप में देखते हैं , वे प्रसन्नतापूर्वक उनका सामना कर पाते हैं , जबकि इन्हें प्रतिकूलताओं के रूप में देखने वाले , व्यर्थ की चिंता में अपने समय व शक्ति को नष्ट कर दुःखी ही रहते हैं l एक प्रसंग है ---- एक दिन एक शिष्य ने अपने गुरु से कहा ----- " गुरुदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिए गाय भेंट की है l "
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ , दूध पीने को मिलेगा l "
एक सप्ताह बाद फिर शिष्य ने गुरु से आकर कहा ---- " गुरूजी ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी , वह अपनी गाय वापस ले गया l "
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! गोबर उठाने के झंझट से मुक्ति मिली l "
बदलती परिस्थितियों के साथ सकारात्मकता बनाये रखना ही जीवन में सफलता का एकमात्र सूत्र है l
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ , दूध पीने को मिलेगा l "
एक सप्ताह बाद फिर शिष्य ने गुरु से आकर कहा ---- " गुरूजी ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी , वह अपनी गाय वापस ले गया l "
गुरु ने कहा --- " अच्छा हुआ ! गोबर उठाने के झंझट से मुक्ति मिली l "
बदलती परिस्थितियों के साथ सकारात्मकता बनाये रखना ही जीवन में सफलता का एकमात्र सूत्र है l
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