15 January 2023

WISDOM ----

   लघु  कथा ---1 . ' निर्भयता  के  साथ  एकजुटता  की  आवश्यकता  होती  है  l '-----  एक  लकड़हारा  जंगल  में  लकड़ी  काटने  गया  l  उसने  देखा  कि  दलदल  में  एक  खरगोश  का  बच्चा  फंस  गया  है  l  लकड़हारे  ने  उस  असहाय  खरगोश  को  दलदल  से  निकाला  और  अपने  घर  ले  आया  l  यह  खरगोश  बहुत  दुबला -पतला  था  l  उस  लकड़हारे  के  घर  पहले  से  ही  कई  खरगोश  थे  l  उन्होंने  उस  नए  खरगोश  से  पूछा  ---' जंगल  में  तो  सब  सुख -साधन  थे  , फिर  तुम  इतने  पतले -दुबले  क्यों  हो  ? "  उस  खरगोश  ने  कहा ---- " जंगल  में  सिंह  आदि  शक्तिशाली  जानवरों  का  बहुत  भय  था  l  सब  सुख -साधनों  के  बावजूद  इस  भय  ने  मुझे  पनपने  ही  नहीं  दिया  l "  एक  खरगोश  ने  पूछा --- " यदि  तुम  सिंह  का  मुकाबला  करते  तो  क्या  जीत  जाते  ? '  यह  नया  खरगोश  बहुत  समझदार  था , बोला  --- " अकेला  व्यक्ति  कितना  भी  वीर  हो  सदैव  विजयी  नहीं  हो  सकता  l  यदि  हम  सब  संगठित  होते  और   एकजुटता  के  साथ  चतुराई  से  काम  लेते  तो  संभवतया  जीत  भी  जाते  l " 

2 .  महाभारत  समाप्त  हुआ   l  पुत्र  वियोग  से  दुखी  धृतराष्ट्र  ने  महात्मा  विदुर  को  बुलाया    ,  उनसे   पूछा  ---- " विदुर जी  ! हमारे  पक्ष  में  एक -एक  योद्धा  इतना  सक्षम  था   कि  उसने  सेनापति   बनने  पर  अपने  पराक्रम  से  पांडवों  के  छक्के  छुड़ा  दिए  l  यह  जीवन -मरण  का  युद्ध  है  , यह  सब  जानते  थे  ,  तो  सेनापति  बनने  पर  ही  अपना  पराक्रम  दिखाने    की  जगह  कर्तव्य  बुद्धि  से  एक  साथ  पराक्रम  दिखाते  , तो  क्या  युद्ध  जीत  न  जाते  l "  विदुर जी  ने  कहा --- "  राजन  !  आप  ठीक  सोचते  हैं  ,  परन्तु  अकेले  अधिक  यश  बटोरने  की  लिप्सा   तथा  अपने  को  सर्वश्रेष्ठ   सिद्ध  करने  की  अहंता  ने   कर्तव्य  को  सोचने  और  निभाने   का  अवसर  ही  नहीं  दिया  l  यदि  कर्तव्य  ही  सोचा  होता  , तो  वे  अपने  भाइयों  को   उनका  हक  देकर  युद्ध  को  टाल  भी  सकते  थे  l  अत:  हे  राजन  !  आप  कौरवों   की  हार  उनकी  मृत्यु    का  दुःख  न  करें  l "