19 April 2018

WISDOM ---- महाकाव्यों से प्रेरणा लेने पर ही अनीति और अत्याचार का उन्मूलन संभव है

  केवल  कानून  बना  देने  से    समाज  में  फैली  विकृतियों   को   दूर   नहीं  जा  सकता  ,  इसके  लिए  समाज  का  जागरूक  होना  जरुरी  है  l   कहते  हैं  जो  कुछ  महाभारत  में  है ,  वही  इस  धरती  पर  भी  है  l    असुरता  सदैव  देवत्व  पर  आक्रमण  करती  है  ,  दुष्टता  अच्छाई  को  मिटाने  के  लिए  षडयंत्र  रचती  है  l  जागरूक  रहकर  ही  उन  षडयंत्रों  से  बचा  जा  सकता  है  --- यही  महाभारत  का  शिक्षण  है  l 
     महाभारत -- जाति   और   सम्प्रदाय    के  आधार  पर  युद्ध  नहीं  था  ,  यह  तो  अत्याचार  और  अन्याय  को  मिटाने  के  लिए   महाभारत  था  l 
          दुर्योधन  ने   पांडवों  को  अपने  रास्ते  से  हटाने  के  लिए  सदैव  षडयंत्र  रचे  l   पांडव  जब  जागरूक  रहे  तो  उन  षडयंत्रों  से   बच  गए   जैसे   दुर्योधन  ने  पांडवों  को  लाक्षाग्रह  में    महारानी  कुंती  समेत  जला  देने  की  योजना    बनाई  l   पांडव  सचेत  थे  ,  समय  रहते  उन्होंने  वहां  सुरंग  बना  ली  और  बच  निकले  l    इस  जागरूकता  में  जरा  सी  चूक  से   उन्हें  जो  हानि  हुई    उसकी  क्षतिपूर्ति   नहीं  हो  सकी   l 
  जब  महाभारत  समाप्त  हो  गया ,  दुर्योधन  भी  पराजित  हो  गया    तब  पांचों  पांडव  महल  में   निश्चिन्त  होकर  सो  गए  l   इस  हार  से  बौखलाए   ' गुरु - पुत्र ' अश्वत्थामा  ने    अर्द्ध रात्रि  में   सोते  हुए   पांचों  पांडवों  का   वध  करने  का  निश्चय  किया  ,  अपनी  बौखलाहट  में  उसने   पांडवों  के  पांच  सुकोमल  पुत्रों  का  वध  कर  दिया    और  अभी  तक  माथे  पर  कलंक    लिए  भटक   रहा  है   l  
    यह   कथा  हमें   सिखाती  है  कि   राक्षसी  प्रवृतियां   रात्रि   में   जब  चारों  और  सन्नाटा  होता  है  तब  क्रियाशील  होती  हैं  lऐसी  पाशविक  प्रवृतियों  का  जाति  या  धर्म   से  कोई  लेना - देना  नहीं    होता , यह  तो  व्यक्ति   के  भीतर  बैठा  दानव  है   जो  अपने  अनुकूल  परिस्थितियां   पाकर   पाप  और  अधर्म   करता  है  l
           आज  के  समय  में    भी   यदि  राक्षसी - प्रवृतियों  से  समाज  को  बचना  है    तो  जागरूक  रहना  होगा   l  समाज  में  कोई  भी   ऐसा  स्थान    न  रहे    जहाँ  रात्रि  को  अँधेरा  और  सन्नाटा  हो   जिसमे  दुष्टता  को  पांव  पसारने  का  मौका  मिले   l   जागते  रहो  !