कृतज्ञता मनुष्य जाति का ऐसा गुण है कि यदि लोग दूसरे लोगों के उपकार ,उनकी सेवाओं के प्रति थोड़ी सी भी श्रद्धा और सम्मान का भाव रखें तो संसार से कलह और झगड़ों की 90 प्रतिशत जड़ तुरंत नष्ट हो जाये | कृतज्ञता आत्मा की प्यास और उसकी चिरंतन आवश्यकता है |
एक मार्मिक घटना है -एक डाकिया प्रतिदिन डाक लेकर जंगल से गुजरते हुए दूसरे गांव डाक बांटने जाया करता था | एक दिन उसने देखा पेड़ की एक डाल में छोटे से छेद में से निकलने के प्रयास से एक बंदर फंस गया | वह बंदर तथा अन्य बंदर चिल्ला रहे हैं | डाकिये ने जब यह देखा तो उसे दया आ गई | पहले तो वह भयभीत हुआ किंतु फिर उसने सोचा जब मैं भलाई करना चाहता हूं तो बंदर क्यों बुराई करेंगे | डाकिये के पास कुल्हाड़ी थी ,वह वृक्ष पर चढ़ गया और सावधानी से छेद बड़ा कर उसने फंसे बंदर को बाहर निकाला | सब बंदर चुपचाप वहां से चले गये | किसी ने डाकिये को डराया नहीं |
लगभग एक सप्ताह बाद एक दिन जब पोस्टमैन डाक लेकर जंगल से गुजर रहा था तो उसने देखा कई बंदर रास्ते के इधर उधर बैठे हैं ,पोस्टमैन के हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिये वह निडर होकर आगे बढ़ता गया | जैसे -जैसे वह आगे बढ़ा बंदर इकट्ठे होते गये उसके पास आ गये | पोस्टमैन को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उन बंदरों के हाथ में जंगल में पाया जाने वाला दुर्लभ लाल रंग का फल है | सब बंदरों ने अपने अपने फल पोस्टमैन के पास रख दिये और पल भर में इधर उधर चले गये | यह देखकर उसकी आँखों में आँसू आ गये
यदि मनुष्य जीव मात्र के प्रति दया का व्यवहार करे ,परस्पर सहयोग की भावना रखें तो संसार की अनेकों समस्याएं स्वत:ही हल हो जायें |
एक मार्मिक घटना है -एक डाकिया प्रतिदिन डाक लेकर जंगल से गुजरते हुए दूसरे गांव डाक बांटने जाया करता था | एक दिन उसने देखा पेड़ की एक डाल में छोटे से छेद में से निकलने के प्रयास से एक बंदर फंस गया | वह बंदर तथा अन्य बंदर चिल्ला रहे हैं | डाकिये ने जब यह देखा तो उसे दया आ गई | पहले तो वह भयभीत हुआ किंतु फिर उसने सोचा जब मैं भलाई करना चाहता हूं तो बंदर क्यों बुराई करेंगे | डाकिये के पास कुल्हाड़ी थी ,वह वृक्ष पर चढ़ गया और सावधानी से छेद बड़ा कर उसने फंसे बंदर को बाहर निकाला | सब बंदर चुपचाप वहां से चले गये | किसी ने डाकिये को डराया नहीं |
लगभग एक सप्ताह बाद एक दिन जब पोस्टमैन डाक लेकर जंगल से गुजर रहा था तो उसने देखा कई बंदर रास्ते के इधर उधर बैठे हैं ,पोस्टमैन के हाथ में कुल्हाड़ी थी इसलिये वह निडर होकर आगे बढ़ता गया | जैसे -जैसे वह आगे बढ़ा बंदर इकट्ठे होते गये उसके पास आ गये | पोस्टमैन को यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि उन बंदरों के हाथ में जंगल में पाया जाने वाला दुर्लभ लाल रंग का फल है | सब बंदरों ने अपने अपने फल पोस्टमैन के पास रख दिये और पल भर में इधर उधर चले गये | यह देखकर उसकी आँखों में आँसू आ गये
यदि मनुष्य जीव मात्र के प्रति दया का व्यवहार करे ,परस्पर सहयोग की भावना रखें तो संसार की अनेकों समस्याएं स्वत:ही हल हो जायें |