13 February 2020

WISDOM ----- बुराइयों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरुरी है

     पं. श्रीराम  शर्मा   आचार्य जी  ने  लिखा  है ---- '  बुराइयों  के  प्रति  व्यूह  रचना   संगठित  प्रतिकार   आज  की  सामयिक  आवश्यकता  है   l  धार्मिक  क्रियाओं  के  नाम  पर   मूढ़ मान्यताएं  और  परम्पराओं  के  नाम  पर   कुरीतियां  तभी  तक  हैं  ,  जब  तक  हम  उन्हें  गले  का  हार  समझकर  लिपटाएँ   हैं   l   जिस  क्षण  से  असलियत  पहचानी  ,  उन्हें  विषदंश   करने  वाला    सांप  समझकर   उतार  फेंकने   के  लिए  सामूहिक  प्रयास  शुरू  करने  चाहिए   l   ऐसा  प्रयास  करते  ही  समूचा  समाज  स्वस्थ  होता  दिखाई  पड़ेगा   l     पर  इस  युगांतकारी  कार्य  के  लिए  शक्ति  का  स्रोत    संगठन , साहस ,  सावधानी  और  मनोबल  में  है   l   ये  महती  शक्तियां  हैं   जिसके  आधार  पर   नवयुग  का  सृजन  बन  पड़ेगा   l  '
  आचार्य श्री  लिखते  हैं ---- ' बुराइयाँ   भी  अच्छाइयों  के  आधार  पर  खड़ी  होती  हैं   और  इन्ही  से  अपना  पोषण  प्राप्त  करती  हैं   l   बुरे  व्यक्ति -- डाकू , अनैतिक  कार्य  करने  वालों   में  भी  कुछ  विशेषताएं  हैं   जो  उनकी  शक्ति  का  स्रोत  हैं --- संगठन , साहस , सावधानी  और  मनोबल --- इन   चार   विशेषताओं  के  कारण  ही   दुष्टता  तेजी  से  पनपती  है  l '
  अच्छाई  और  बुराई  में   यही  अंतर  है   कि   बुराई  मजबूती  से  संगठित  है , सावधान  है  और  उनमे  साहस  है   लेकिन  अच्छाई  संगठित  नहीं  है   इसलिए   उनका  मुकाबला  नहीं  कर  पाती  l   यदि  अच्छाई  भी  इन  विशेषताओं  को  अपने  भीतर  विकसित  कर  ले   तो  बुराई  के  साम्राज्य  को  ध्वस्त  कर  दे  l