पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं --- ' जीवन की पचास फीसदी समस्याएं मानवीय व्यवहार से जुडी होती हैं , व्यावहारिक तालमेल के अभाव से , संवादहीनता से जो विसंगतियां उत्पन्न होती हैं उनसे जिंदगी का ढांचा लड़खड़ा जाता है l चालीस फीसदी समस्याओं की जड़ विचारों और भावनाओं में धँसी होती है l विचारों में द्वन्द , आत्मविश्वास में कमी , भावनाओं के विक्षोभ इन समस्याओं के कारण होते हैं l इसके अलावा रही , बची दस फीसदी समस्याएं प्रारब्ध जन्य होती हैं , इनका सम्बन्ध अतीत के कर्मों व संस्कारों से होता है l ऐसी समस्याएं जीवन में यदा कदा दस - बीस सालों में एक - आध बार ही सामने आती हैं l " आचार्य श्री का कहना है ---- ' यदि खान - पान , रहन - सहन , बातचीत , व्यवहार , सोच - विचार , आत्म विकास , ईश्वर विश्वास को व्यवस्थित कर जिंदगी में आध्यात्मिक दृष्टिकोण अपना लिया जाये तो जीवन सहज ही समस्याओं से मुक्त हो सकता है l "
6 December 2021
WISDOM -----
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ----' जीवन में मिलने वाली असफलताएं और अपमान कड़ुए घूँट की तरह होते हैं , जिन्हें हमें पीना पड़ता है l लेकिन अपने कठिन समय और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हम जितना जाग्रत व एकाग्र होते हैं , उतना अन्य सामान्य समय में नहीं होते l जीवन में अच्छा और बुरा दोनों है l अपमान और कष्ट हमें अच्छे कार्यों को करने के लिए प्रेरित करते हैं और हमें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं l वहीँ पुण्य कर्मों से मिलने वाले सुख - साधन और यश हमें लोभी और अहंकारी बना सकते हैं तथा बुरे कर्मों की ओर प्रवृत भी कर सकते हैं l इसलिए हमें जीवन के सभी रंगों के प्रति सकारात्मक दृष्टि रखना चाहिए l " विपरीत परिस्थितियों और कष्टों में सकारात्मक दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का जीवन एक आदर्श उदाहरण है l वे 27 वर्ष कैद में रहे , वहां उन्होंने बहुत यातनाएं और अपमान सहा लेकिन अपने मन को मजबूत रखा l अपमान का दंश झेलकर भी स्वसम्मान बनाये रखा l जेल में बंद होने के बावजूद वे अडिग , ओजस्वी , संवरदानशील और दयालु बने रहे l शत्रुतापूर्ण वातावरण में भी करुणा का भाव बनाये रखा l उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है l