18 September 2024

WISDOM ------

  ' अनेक  लोग  पीठ   पीछे  बुराई  करने   और  सम्मुख  आवभगत   दिखलाने  में  बड़ा  आनंद  लेते  हैं  l  वे  समझते  हैं  कि  संसार  इतना  मूर्ख  है  कि  उनकी  इस  दोहरी  नीति  को  समझ  नहीं  सकता  l  वे  इस  दोहरे  व्यवहार  पर  भी   समाज  में   बड़े  ही  शिष्ट  एवं   सभ्य   समझे  जाते  हैं   l  अपने  को  इस  प्रकार   बुद्धिमान  समझना   बहुत  बड़ी  मूर्खता  है     l   वास्तविकता  छिपी  नहीं  रह  सकती  l    इतिहास  ऐसे  अनेक  उदाहरणों  से  भरा  है  l  सामने  से  अच्छा  व्यवहार  करना  और  पीठ  में  खंजर  भोंकना  ,  ये  सोच  समझ  कर  किया  गया  ऐसा  अपराध  है  जिसके  लिए  ईश्वर  कभी  क्षमा  नहीं  करते   l  महाभारत  में  ऐसे  कई  प्रसंग  हैं   जहाँ   दुर्योधन  ने  अपने  ही  भाइयों   पांडवों    के  विरुद्ध  अनेक  षड्यंत्र  रचे  ,  लाक्षाग्रह  में  भेजकर  तो  वे  पांडवों  के  जलकर  मर  जाने   की  ख़ुशी   मन -ही-मन  मना  रहे  थे  l  लेकिन  ऐसी  कुटिल  नीति  का  अंत  अच्छा  नहीं  होता  l  अपने  भीतर  की   असुरता  को  मनुष्य  संसार  से  चाहे  कितना  भी  छुपा  ले  ,  लेकिन  ईश्वर  सर्वव्यापक  और  सर्वशक्तिमान  है   l  उनसे  कुछ  नहीं  छुपा  ,  कर्म  का  फल  अवश्य  मिलता  है  l