9 June 2022

WISDOM-----

     इसे  मानव  जाति  का  दुर्भाग्य  ही  कहा  जायेगा   कि   ऐसा  समय  आ  जाता  है  जब   पूरा  वातावरण  प्रदूषित  हो  जाता  है  l  लोगों  की  मानसिकता  प्रदूषित  होने  से  ही   हर  दिशा  में  नकारात्मकता  ही   दिखाई  देती  है  l   जब -जब  धरती  पर  पाप  बढ़  जाता  है  ,  तब  ऐसी  ही  स्थिति  उत्पन्न  होती  है   l  रावण  ज्ञानी  था   लेकिन  उसने  इतने  अत्याचार  किए   कि  सारा  वातावरण  ख़राब  हो  गया  ,  इस  वजह  से  उन  दिनों  जितने  भी  बच्चे  हुए  लंका  में  ,वे  सब  एक से  बढ़कर  एक  राक्षस  हुए   l  एक   लाख    पूत  सवा  लाख  नाती  --सब  राक्षस  प्रवृति  के  थे  l    इसी  तरह  द्वापर  युग  में  कंस  और  दुर्योधन  के  अत्याचार  से  पूरा  वातावरण  प्रदूषित  हो  गया  था   l  अनेक  राजा  अत्याचारी  थे   l  आचार्य श्री  लिखते  हैं  ---- जब  इस  तरह  से  पूरा  वातावरण  प्रदूषित  हो  जाता  है    तब  उसे  साफ़  करने  के  लिए , उसके  परिशोधन  के  लिए  यज्ञ  करना  पड़ता  है  l    भगवान  राम  को  दस  अश्वमेध  यज्ञ   करने  पड़े   l  इसी  तरह  कंस  और  दुर्योधन  द्वारा    बिगाड़े  गए  वातावरण  को   ठीक  करने  के  लिए    भगवान  श्रीकृष्ण  को  राजसूय  यज्ञ   करना  पड़ा  l  आज  संसार  को  इसी  तरह  के  परिशोधन  की  आवश्यकता  है  l