शिष्य मंडली ने भगवान बुद्ध से पूछा ---- " मनुष्य के कितने वर्ग हैं ? " तथागत ने उत्तर दिया ---- " एक वे जो अपना ही लाभ देखते हैं , भले ही इससे दूसरे को कितनी ही हानि उठानी पड़ती हो l दूसरे वे जो औरों का भला करते हैं l तीसरे वे जो अपना भी भला करते हैं और दूसरों का भी l चौथे वे जो प्रमादी हैं , जो न स्वयं सुखी रहते हैं , और न दूसरों को सुखी रहने देते हैं l " तथागत ने आगे कहा ---- " मेरी समझ में वे श्रेष्ठ हैं , जो अपना भी भला करते हैं और साथ - साथ दूसरों का भी l "