22 May 2023

WISDOM ----

  सम्राट  पुष्यमित्र  के  एक  सेनापति  पर  महाभियोग  लगा  l   आचार्य  मार्तण्ड  न्यायधीश  बनाए  गए   l  सेनापति स्वयं  भारी  धनराशि  लेकर    आचार्य  मार्तण्ड  के  सामने  उपस्थित  हुआ   और  बोला ---- " महाशय , आप  चाहें  तो   अशर्फियों  की   यह  थैलियाँ  लेकर   अपनी  दरिद्रता  दूर  कर  सकते  हैं  l  इन्हें  रखिये  और  न्याय  हमारे  पक्ष  में  कीजिए  l  विश्वास  रखें  यह  बात   हम  दोनों  के  अतिरिक्त  और  कोई  नहीं  जान  पायेगा  l  आचार्य  ने  एक  उपेक्षित  द्रष्टि  थैलियों  पर  डाली   और  हँसकर  बोले ---- " वत्स  !  धरती , आकाश  , मेरी  आत्मा , आपकी  आत्मा  और  परमात्मा  की  जानकारी  में   जो  बात  आ  गई  , वह  छुपी  कहाँ  रही  l  इन्हें  ले  जाइये  , कर्तव्य  और  उत्तरदायित्व  को  प्रलोभन   के  बदले   झुठलाना  मेरे  लिए  संभव  नहीं  है    l