24 February 2024

WISDOM -----

    संत  तिरुवल्लुवर  के  पास  एक  व्यक्ति  पहुंचा  ,  बहुत  परेशान  था  वह  l  उसने  संत  से  कहा ---- "भगवन ! मुझे  मन  की  शांति  दें  l  भारत  का  कोई  ऐसा  मठ ,  आश्रम , मंदिर  नहीं  ,  जहाँ  मैं  न  गया  होऊं  l   ऐसे  कोई  संत  नहीं  , जिनके  चरणों  में  मैंने   माथा  न  टेका  हो  , पर  मुझे  शांति   न  मिल  सकी  l "  संत  तिरुवल्लुवर  ने   उत्तर  में  पास  में  पड़ा  हुआ  एक  सिक्का  उठाया   और  उसे  अपनी  मुट्ठी  में  रख  लिया   और  फिर  उस  व्यक्ति  से  कहा ---- "  क्या  तुम  इस  सिक्के  को  बाहर  बाग़  से  ढूंढ  कर  ला  सकते  हो  l '  वह  व्यक्ति  आश्चर्य  से  बोला  --- " भगवन  ! जो  आपके  हाथ  के  भीतर  है  , वह  मुझे  बाहर  कैसे  मिलेगा  ? "  संत  तिरुवल्लुवर  बोले  ---- " !  पुत्र  ! तुम  शांति  भी   बाहर  क्यों  ढूंढ  रहे  हो  ,  अपने  मन  को  स्थिर  करो  l  जब  मन  स्थिर  हो  जायेगा   तो  यही  शांति  तुम्हारे  भीतर  मिल  जाएगी  l "     आज  संसार  की  सबसे  बड़ी  समस्या  यही  है   लोगों  के  मन  में  शांति  नहीं  है  l  जिसके  पास  जितना  सुख , वैभव  ,  और  शक्ति  है  , वह  उतना  ही  अशांत  है  l  जब  व्यक्ति  स्वयं  अशांत  होता  है   तब  वह  अपने  आसपास  के  वातावरण  को   भी  अशांत  कर  देता  है  l