14 June 2022

WISDOM ----

   '  सफलता  जिस  ताले  में  बंद  रहती  है   वह  दो  चाबियों  से  खुलता  है  --- एक  परिश्रम  और  दूसरा  सत्प्रयास  l  कोई  भी  ताला  यदि  बिना  चाबी  के  खोला  गया   तो  आगे  उपयोगी  नहीं  रहेगा   l  इसी  प्रकार  यदि   परिश्रम  और  प्रयास   नहीं  किया  गया   तो  कोई  भी  थोपी  गई  सफलता  टिक  न  सकेगी   l    परिश्रम  और  प्रयास  के  साथ  जरुरी  है  ' मनोयोग '   --  जो  समस्त  सफलताओं  की  कुंजी  है   l   ----------  रवीन्द्रनाथ  टैगोर   अपने  कमरे  में  बैठे   कविता  लिखने  में  व्यस्त  थे   कि  इतने  में  छुरा  लिए  हुए   एक  गुंडे  ने  उनके  कमरे  में  प्रवेश  किया   l  उसे  किराये  पर  हत्या  करने  के  लिए  किसी  ईर्ष्यालु  ने  भेजा  था   l   उन्होंने  आँख  उठाकर  उसकी  तरफ  देखा  और  सारा  मामला  भांप  लिया  l  उनने  उंगली  का  इशारा  कर  के   शांत  भाव  से   चुपचाप   एक  कोने  में  पड़े  स्टूल  पर  बैठ  जाने  को  कहा   और  बोले --- ' देखते  नहीं  मैं  कितना  जरुरी  काम  कर  रहा  हूँ  l '   और  फिर  वे  एकाग्रचित्त  अपना  काम  करने  लग  गए   l  हत्यारा  सकपका  गया   l  इतना  निर्भीक  और  संतुलित  व्यक्ति   उसने   अपने  जीवन  में  पहले  कभी  नहीं  देखा  था   l  वह  कुछ  देर  तो  बैठा  रहा   लेकिन  फिर  बहुत  घबरा  गया  और  उलटे  पैरों  भाग  खड़ा  हुआ   l