27 January 2018

WISDOM ------ स्वयं को सार्थक कार्यों में व्यस्त रख और जीवन के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण से चिंतामुक्त हुआ जा सकता है

 थोड़ी  चिंता  व्यक्ति  को  सजग  बनाती  है  लेकिन  अधिक  चिंता  कभी  नहीं  करनी  चाहिए  l  चिंता  घुन  की  तरह  होती   है ,  यदि  यह  घुन  लग  जाये  तो  यह  व्यक्ति  को  अन्दर  से  खोखला  कर  देती  है  l 
   चिंता  की  घुन  क्या  होती  है  ,  इसे  बताने  का  एक  उदाहरण  है -----  दो  वैज्ञानिक  आपस  में  बात  कर  रहे  थे ,  एक  युवा  था  और  एक  वृद्ध  l  वृद्ध  वैज्ञानिक  ने  कहा ---- " चाहे  विज्ञान  कितनी  भी  प्रगति  क्यों  न  कर  ले  ,  लेकिन  वह  अभी  तक  ऐसा  उपकरण  नहीं  ढूंढ  पाया  ,  जिससे  चिंता  पर  लगाम  कसी  जा  सके   l "  युवा  वैज्ञानिक  बोला  --- " अरे  चिंता  तो  मामूली  बात  है  ,  इसके  लिए  उपकरण  ढूँढने  में  समय  क्यों  बरबाद किया  जाये  l "
  अपनी  बात  समझाने  के  लिए  उसे  जंगल   की  ओर   ले  गए  l  वृद्ध  वैज्ञानिक  ने  एक  पेड़  की  ओर  इशारा  कर  कहा --- "  इस  वृक्ष  की  उम्र  चार सौ  वर्ष  बताई  गई  है  l  इस  वृक्ष  पर  चौदह  बार  बिजली  गिरी  l  चार सौ   वर्षों  से  अनेक  तूफानों  का  इसने  सामना  किया  l "  युवा  वैज्ञानिक  ने  कहा --- "  आप  क्या  साबित  करना  चाहते  हैं  ? "  वृद्ध  वैज्ञानिक  ने  कहा --- "   इधर  आओ  देखो ,  इसकी  जड़  में  दीमक  लग  गई  है l  दीमक  ने  इसकी   छाल  को  कुतर - कु तर कर   बर्बाद  कर  दिया  है  l  जिस  तरह  यह  वृक्ष  बिजली  से  नष्ट  नहीं  हुआ ,  तूफान  से  धराशयी  नहीं  हुआ  ,  लेकिन  मामूली  दीमक  इसे  चट   कर  गई  l उसी  तरह  चिंता  की  दीमक  भी   एक  सुखी ,  समृद्ध  और  ताकतवर  व्यक्ति  को   चट  कर  जाती  है