6 September 2024

WISDOM ------

ईर्ष्या , द्वेष , अहंकार , बदले  की  भावना  ऐसे  दुर्गुण  है   जो  व्यक्ति  की  बुद्धि  भ्रष्ट  कर  देते  हैं  और  उसे  पतन  की  राह  पर  धकेल  देते  हैं  l  ये  दुर्गुण  जब  किसी  पर  हावी  हो  जाते  हैं   और  व्यक्ति  सामने  से , प्रत्यक्ष  रूप  से  अपने  प्रतिद्वंदी   का  मुकाबला  नहीं  कर  सकता  , तब  वह  कायरतापूर्ण  तरीके  अपनाता  है  l  नकारात्मक  शक्तियों  जैसे  तंत्र , ब्लैक मैजिक   आदि  का    का  इस्तेमाल  करता  है  l    अनेक  परिवार  इससे  तबाह  हो  जाते  हैं , और  लोगों  को  इसका  कारण  भी  समझ  में  नहीं  आता   क्योंकि  ये  सब  कार्य  समाज  से  छिपकर  किए  जाते  हैं  l  लेकिन  संसार  में  ईश्वर  का  भी  अस्तित्व  है   यदि  कोई  ईश्वर  का  सच्चा  भक्त  है  तो  भगवान  स्वयं  उसकी  रक्षा  करते  हैं  l  तंत्र  के  भी  अपने  देवी -देवता  हैं  इसलिए   तंत्र  का  भी  ईश्वरीय  विधान  के  अनुरूप  कुछ  असर  तो   भक्त  पर   होता  ही  है  लेकिन  तंत्र  कभी  भक्ति  और  भक्त  से  बड़ा  नहीं  होता  l  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- तंत्र  आदि  विभिन्न  नकारात्मक  शक्तियों  के  प्रयोग  से   प्रकृति  को  कष्ट  होता  है , कुपोषण  होता  है  l   तांत्रिक  अपनी  विद्या  का  दुरूपयोग  करते  हैं   तो  वे  अपनी  ही  विद्या  के  अपराधी  होते  हैं  l  यही  करण  है  कि  अधिकतर  तांत्रिकों  का  अंत  बड़ा  भयानक  होता  है  l ------ एक  घटना  है ------ जगद्गुरु  शंकराचार्य  पर   एक  कापालिक  ने  भीषण  तंत्र  का  प्रयोग  कर  दिया  l  इसके  प्रभाव  से  उन्हें  भगंदर  हो  गया  l   ऐसा  करने  से  कापालिक  की  आराध्य  एवं  इष्ट  भगवती  उससे  अति  क्र्यद्ध  हुईं और  कहा ---- तूने  मेरे  ही  पुत्र , शिव  के  अंशावतार  पर  अत्याचार  किया  है  l  इसके  प्रायश्चित  के  लिए  तुझे  अपनी   भैरवी  की  बलि  देनी  पड़ेगी  l '  कापालिक  भैरवी  से  अति  प्रेम  करता  था  , परन्तु  उसे  उसको   मारना  पड़ा  l  उसको  मारने  के  बाद  वह  विक्षिप्त  हो  गया   और  अपना  ही  गला  काट  दिया  l  इस  प्रकार  उस  तांत्रिक  का  अंत  बड़ा  भयानक  हुआ  l    ऐसे  पापी  लोग  जीते  जी  दूसरों  का  सुख -चैन   छीनते  हैं   और  मरने  के  बाद   भूत   , प्रेत , पिशाच   की  योनि  में  पहुंचकर    स्वयं  भी  कष्ट  सहते  हैं  ,  और  उनकी  अतृप्त  आत्मा  संसार  को  भी  कष्ट  देती  है  l